पांच ठिकानों पर आबकारी विभाग की दबिश, 27 लाख रुपये की अवैध शराब जब्त, 6 प्रकरण पंजीबद्ध

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश में अवैध कारोबार करने वाले माफिया पर पैनी नजर राखी जा रही है, आबकारी विभाग भी शराब माफिया और अवैध शराब का निर्माण, परिवहन, भण्डारण और विक्रय करने वालों पर एक्शन ले रहा है।

Gwalior Excise Department raids : देश में बने तनाव के हालात के चलते मध्यप्रदेश भी अलर्ट मोड पर है, मध्यप्रदेश के सभी विभाग अपने अपने कार्यक्षेत्र में अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं, आबकारी विभाग भी अवैध शराब के निर्माण, भण्डारण और परिवहन पर नजर बनाये हुए है इसी क्रम में ग्वालियर में उसे बड़ी सफलता मिली है

ग्वालियर जिले में अवैध शराब के निर्माण, परिवहन, संग्रह और विक्रय को रोकने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर चलाई जा रही मुहिम के तहत आबकारी विभाग की टीम ने बीती शाम बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त करने के साथ आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए हैं।

आबकारी विभाग के 5 गांवों पर मारा छापा 

सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुमार कुर्मी से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अवैध मदिरा निर्माण की सूचना मिल रही थी जिसके बाद सूचना को पुष्ट करते हुए छापा मारने की प्लानिंग की गई, टीम ने जिले के आंतरिक क्षेत्र में बसे बरसना , बड़ागांव , पथरेठा, पंजाबीपुरा ,सहसरी में दबिश दी, जहाँ उसे अवैध शराब निर्माण होते मिला।

27000 किलोग्राम गुड लहान, 115 लीटर हाथ भट्टी शराब जब्त 

आबकारी बल ने दबिश के दौरान लगभग 27000 किलोग्राम गुड लहान, 115 लीटर हाथ भट्टी शराब, शराब बनाने के उपकरण बरामद किए। उक्त कार्यवाही में जब्त मदिरा का अनुमानित मूल्य लगभग 27,23,000 रुपये है। कार्यवाही में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34 के तहत कुल 6 प्रकरण पंजीबद्ध किये गए।

जारी रहेगा एक्शन 

सहायक आबकारी आयुक्त ने कहा है कि विभाग समय समय पर अवैध शराब के विरुद्ध अभियान चलाता रहता है और आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करता है इस समय प्रदेश अलर्ट मोड पर है इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है मुखबिरों को एक्टिव किया गया है, अवैध शराब के विरुद्ध आबकारी विभाग की कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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