सिंधिया ट्रस्ट के खिलाफ याचिका पर HC का हस्तक्षेप से इंकार, याचिकाकर्ता को दिए ये निर्देश

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के परिवार के ट्रस्ट पर सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा करने के आरोपों वाली याचिका पर ग्वालियर हाई कोर्ट (Gwalior High Court) ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जिले के सक्षम अधिकारी को अपना आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व सिंधिया रियासत के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों पर ग्वालियर की बेश कीमती सरकारी जमीनों को कमला राजे ट्रस्ट में शामिल किये जाने के आरोप लगाते हुए ऋषभ भदौरिया ने अपने वकील एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर के माध्यम से ग्वालियर हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई।

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याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने याचिका में आरोप लगाए कि ग्वालियर महलगांव क्षेत्र के कुछ सर्वे नंबर जो सरकारी थे, जैसे ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई सर्वे नंबरों का 18 मार्च 2019 को नामांतरण करवा लिया गया।  सरकारी जमीने सिंधिया परिवार के ट्रस्ट  और निजी नामों से चढ़ा दी गई और नियमों की अनदेखी की गई।

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याचिका को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इस पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सक्षम अधिकारी के पास जाएँ और वहां आवेदन लगाएं, एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने कहा कि वे जल्दी ही इस मामले में एक आवेदन कलेक्टर ग्वालियर को प्रस्तुत करेंगे और कार्यवाही की मांग करेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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