किसान से 25,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था पटवारी, ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

पटवारी ने 18 बीघा 13 विस्वा कृषि भूमि का ऑनलाइन नामांतरण करवाने के एवज में हल्का पटवारी उमाशंकर आदिवासी 5000 रु प्रति बीघा के हिसाब से कुल 90000 रुपये रिश्वत की मांग की।

Atul Saxena
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Gwalior News : भ्रष्टाचारियों पर सख्त एक्शन के निर्देश के बावजूद कुछ रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिम घूसखोरी से बाज नहीं आ रहे, लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने आज एक ऐसे ही रिश्वतखोर पटवारी को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

ग्वालियर लोकायुक्त एसपी राजेश मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक मुरैना जिले के ग्राम टीकरी थाना रिठौरा कलां निवासी 35 वर्षीय किसान चंद्रभान सिंह गुर्जर ने एक शिकायती आवेदन ऑफिस में दिया था जिसमें पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत थी।

ऑनलाइन नामांतरण के बदले मांगी किसान से रिश्वत 

आवेदन में चंद्रभान सिंह गुर्जर ने बताया, ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के ग्राम खडीचा में स्थित उसकी माँ के नाम की 18 बीघा 13 विस्वा कृषि भूमि का ऑनलाइन नामांतरण करवाने के एवज में हल्का पटवारी उमाशंकर आदिवासी 5000 रु प्रति बीघा के हिसाब से कुल 90000 रुपये रिश्वत की मांग की लेकिन बातचीत करने पर वो 25000 रुपये लेकर नामांतरण करने के लिए तैयार हो गया।

25 हजार रुपये की रिश्वत के साथ पटवारी गिरफ्तार 

आवेदक की शिकायत मिलने के बाद ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शिकायत का सत्यापन किया और इसका प्रमाण मिलने पर ट्रैप प्लान की, ट्रैप दल द्वारा आज 25 नवम्बर को पटवारी उमाशंकर आदिवासी को तहसील भितरवार के पीछे गुरुद्वारे के पीछे दुकान में बने अपने निजी कार्यालय में आवेदक से 25000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 के अन्तर्गत कार्यवाही कर रही है।

किसान से 25,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था पटवारी, ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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