लॉक डाउन में घर में बैठे लोगों को जहाँ घर मेें ही साफ सफाई के साथ सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है वहीं संदिग्ध और संक्रमित लोगों की प्रशासन सेवा कर रहा है। नगर निगम शहर के मोहल्लों और कॉलोनियों में घरों को सेनेटाइज कर रहा है लेकिन प्रार्थना स्थलों की किसी को फिक्र नहीं हैं। ऐसे में एक शिवभक्त ने शहर के मंदिरों को सेनेटाइज करने का बीड़ा उठाया है। वे सुबह होते ही निकल पड़ते हैं अपनी मशीन के साथ और शहर के मंदिरों और मूर्तियों को सेनेटाइज करते हैं। इसके अलावा वो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा भी बांट रहे हैं। वे खास बात ये है कि वे ये सबकुछ अपने पैसे से जन सेवा के उद्देश्य से कर रहे हैं।
लॉक डाउन के चलते मंदिर बंद हैं केवल पुजारी ही और मंदिर समिति के पदाधिकारी ही यहाँ आते हैं। अन्य किसी का यहाँ आना यहाँ प्रतिबंधित है। एक दिन अचलेश्वर मंदिर पर बैठे महेंद्र भदकारिया ने देखा कि मंदिर के आसपास नगर निगम सेनेटाइज कर रहा है लेकिन मंदिर के अंदर भगवान की फिक्र किसी को नहीं है। उन्होंने इसे देखकर अनदेखा किया और पूजा कर घर चले गए। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हैं महेंद्र भदकारिया ने बताया कि उस दिन वे परेशान रहे और उन्होंने निश्चय किया कि अब वे शहर के सभी मंदिरों को खुद के खर्च पर सेनेटाइज करेंगे। आठ दिन पूर्व उन्होंने इसकी शुरूआत अचलेश्वर महादेव मंदिर से की। उनका ये सिलसिला जारी है वे घर से मोटर साइकिल पर अपनी पीठ पर सेनेटाइजर किट बांधकर निकलते हैं और सुबह 9 बजे से 2 बजे तक मंदिरों और भगवान की मूर्तियों को सेनेटाइज करते हैं उसके बाद अचलेश्वर मंदिर की सफाई कर फिर मिशन पर निकल जाते हैं और 4 बजे से 7 बजे तक मंदिरों और मूर्तियों को सेनेटाइज करते हैं फिर घर चले जाते हैं। महेंद्र अभी तक ग्वालियर के अधिकांश मंदिरों को सेनेटाइज कर चुके हैं जिसमें अचलेश्वर मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, रोकड़िया सरकार,
साई बाबा मंदिर, कोटेश्वर मंदिर, प्राचीन नाग देवता मंदिर छत्री बाजार, शनि देव मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, खेड़ापति मंदिर, रामलला मंदिर, काली माता मंदिर आदि शामिल हैं। महेंद्र का कहना है कि ये सिलसिला जब तक कोरोना का प्रभाव है थमेगा नहीं।
वाहनों और पुलिस थानों को भी करते हैं सेनेटाइज
मंदिरों के अलावा महेंद्र भदकारिया पुलिस थानों, सरकारी अधिकारियों के वाहनों और मीडियाकर्मियों के वाहनों को भी सेनेटाइज करते हैं। उनका कहना है कि पुलिस, प्रशासन के साथ साथ मीडियाकर्मी भी दिन रात कोरोना की लड़ाई में डटे हैं ऐसे में इनकी भी फिक्र करना हमारी जिम्मेदारी है। वे इंदरगंज थाने को सेनेटाइज कर चुके हैं रास्ते में उन्हें जिस किसी भी प्रशासनिक अधिकारी अथवा मीडियाकर्मी का वाहन दिखता है उस सेनेटाइज कर देते हैं।
होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा भी मुफ्त बांटते हैं
मंदिरों, भगवान की मूर्तियों, प्रशासनिक अफसरों और मीडियाकर्मियों कीए वाहनों को सेनेटाइज करने के साथ साथ महेंद्र भदकारिया इम्युनिटी बढ़ाने वाली होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा भी शहर के लोगों को मुफ्त बाँटते हैं
। वे डॉ कैलाश नारायण मेवाफरोश द्वारा दी गयी होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एल्बम 30 और डॉ सुरभि भदकारिया द्वारा तैयार आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर का भी वितरण कर रहे हैं। ये सब कुछ अपने पैसे से करने वाले शिव भक्त महेंद्र भदकारिया कहते हैं कि मैं सबकुछ बाबा अचलनाथ की प्रेरणा और उनकी कृपा से कर रहा हूँ। महेंद्र की ये निस्वार्थ समाजसेवा प्रशंसा के योग्य तो है साथ ही उनलोगों के मुँह पर करारा तमाचा है जो एक केला या एक सेव फल देकर फोटो खिंचवाते हैं और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुद को दानवीर कहलाते हैं। सही मायने में महेंद्र जैसे लोग दानवीर और कोरोना कर्मवीर हैं।