ग्वालियर । दो साल पुराने दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। मामला 10 साल के बालक से जुड़ा है, आरोपी ने बालक के साथ दुष्कर्म किया और फिर पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। किसी बालक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा का ये जिले का पहला मामला है।
जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2017 को मामा की शादी में 10 वर्षीय बालक दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान आरोपी योगेश नाथ उसके पास आया और पकौड़े और पैसे का लालच देकर उसे पास ही में बरा गांव के खंडहरों में ले गया। आरोपी योगेश ने पहले तो बच्चे के साथ यहाँ दरिंदगी की फिर अपराध छिपाने के लिए पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। बहुत देर तक जब बच्चा किसी को दिखाई नहीं दिया तो परिजनों ने उसे खोजना शुरू किया। लेकिन जब वो नहीं मिला तो फिर बहोड़ापुर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई।पुलिस की जांच पड़ताल में बालक का खून से सना शव पुलिस को मिला। पुलिस की जांच जब आगे बढ़ी तो आरोपी योगेश नाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामला न्यायालय में पहुंचा फिर ट्रायल शुरू हुई। गवाहों के बयानों और सुबूतों के बाद आधार पर योगेश का अपराध सिद्ध हो गया।
भाभी की गवाही रही अहम
इस घटना की सबसे अहम गवाह आरोपी की भाभी रही। वो भी शादी में गई थी। लेकिन ज्यादा रात होने के कारण वहीं रुक गई थी। सुबह वो जल्दी लौटी तो देखा कि योगेश आंगन में शर्ट धो रहा था जिसपर खून के धब्बे थे। ये बात भाभी ने घर के दुसरे सदस्यों और पुलिस को भी बताई।
सजा सुनाये जाने के दौरान हाथ जोड़े रहा योगेश
पंचम अपर सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने आरोपी योगेश को जब उसके कृत्य के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई तो वो हाथ जोड़े शांत खड़ा रहा उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कोर्ट ने आरोपी योगेश नाथ को IPC की धारा 363 के तहत सात साल की सजा और दो हजार रुपए का जुर्माना, IPC की धारा 302 के तहत मृत्युदंड, IPC की धारा 201 के तहत सात साल की सजा और दो हजार रुपए का जुर्माना और 3/4 पॉस्को एक्ट के तहत 10 साल का कारावास और दो हजार का जुर्माना लगाया। बताया जाता है कि किसी बालक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा का ये पहला मामला है।