Gwalior News : 8 साल की मासूम जिस 60 साल के हजरत अली को बाबा कहती थी वो ही बन गया हैवान, पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा  

बच्ची बहुत सहमी हुई है, थाने में आरोपी को देखकर वो दहशत में आ गई और चीखकर रोने लगी, परिजन भी आक्रोशित हो गए, पुलिस ने उन्हें शांत करकर घर भेज दिया और मामले को जाँच में ले लिया। 

Atul Saxena
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Gwalior News : इंसान की आँखों की शर्म और इंसानियत मरती जा रही है, कुछ लोग हैं जो समाज को न सिर्फ कलंकित कर रहे हैं बल्कि रिश्तों को भी तार तार कर रहे हैं, हम सबने सगे रिश्तों से ज्यादा मुंह बोले रिश्तों की मजबूती और अपनेपन की कहानियां अपने दादी-बाबा, नाना- नानी से सुनी हैं लेकिन शायद अब गुजरे ज़माने की बातें हो गई है, ग्वालियर से आई एक खबर तो यही बता रही है।

ग्वालियर के कम्पू थाना क्षेत्र के अवाड़पुरा में एक ऐसी ही घटना हुई जिसने ना सिर्फ़ रिश्तों को शर्मसार किया बल्कि मोहल्ले की बच्चियों के मन में एक अजीब सा भय भी पैदा कर दिया है, दरअसल यहाँ रहने वाले एक 60 साल के बुजुर्ग ने 8 साल की एक मासूम के साथ हैवानियत की, खास बात ये है कि आरोपी पड़ोसी है और बच्ची उसे बाबा कहकर बुलाती है।

जिसे बाबा कहकर बुलाती थी उसी ने कर दी शर्मनाक हरकत 

जानकारी के मुताबिक 8 साल की मासूम घर के पास खेल रही थी उसी समय पड़ोस में रहने वाला 60 साल का हजरत अली वहां आया और बच्ची तो ताड़ता रहा ,उसने बच्ची को आवाज देकर बुलाया, टॉफी का बहाना बनाकर अपने घर के पीछे ले गया बच्ची चूँकि उसे बाबा कहकर बुलाती थी तो साथ चली गई उसे क्या मालूम था कि वो हैवान है।

गोद में बैठाकर की हैवानियत 

बुजुर्ग हजरत अली ने बच्ची के कपड़े उतारे और फिर उसे अपनी गोद में बैठाकर गलत हरकत करने लगा , बच्ची चीखी तो उसने उसका मुंह दबा दिया फिर कुछ देर बाद बच्ची को छोड़ दिया, बच्ची रोती हुई घर पहुंची और अपनी माँ को पूरी कहानी बता दी, माँ बच्ची की लेकर तुरंत कम्पू थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया 

इस दौरान आरोपी को मालूम चल गया कि मामला पुलिस के पास पहुंच गया है तो वो घर से भाग गया लेकिन पुलिस ने तत्काल एक्टिव होते हुए उसे कुछ देर की मशक्कत के बाद अचलेश्वर मंदिर रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया, उधर बच्ची बहुत सहमी हुई है, थाने में आरोपी को देखकर वो दहशत में आ गई और चीखकर रोने लगी, परिजन भी आक्रोशित हो गए, पुलिस ने उन्हें शांत करकर घर भेज दिया और मामले को जाँच में ले लिया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट          


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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