Gwalior News : बेटी की मौत से भड़के परिजन, अस्पताल में हंगामा, इलाज में लापरवाही के आरोप लगाये

Gwalior News : ग्वालियर के प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल RJN अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में भर्ती एक छात्रा की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। पिता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उनकी बेटी के इलाज में लापरवाही की गई जिससे उसकी मौत हो गई।  हंगामे की खबर के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और समझाने का प्रयास किया, उधर आक्रोशित परिजनों ने कहा कि वे पुलिस में मामला दर्ज करवाएंगे।

Gwalior News : बेटी की मौत से भड़के परिजन, अस्पताल में हंगामा, इलाज में लापरवाही के आरोप लगाये

पिता ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाये  

मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी आईटीएम कॉलेज की छात्रा थी और महज 19 साल की थी, उसे  6 जुलाई को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था बेटी को लीवर, पेट सहित कई तरह के इन्फेक्शन थे जिसका इलाज डॉ मनोज श्रीवास्तव ने किया, जबकि डॉ मनोज श्रीवास्तव दूसरी बीमारी के डॉक्टर है।  कुछ दिन के ट्रीटमेंट के बाद जब बच्ची को आराम मिला तो ये कहकर डिस्चार्ज कर दिया कि ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है अब आप घर जाइए।

20 जुलाई को फिर भर्ती कराया, आज इलाज के दौरान मौत 

हम बच्ची को घर लेकर आ गए, लेकिन बच्ची की तबियत फिर ख़राब हो गई क्योंकि उसके शरीर में इन्फेक्शन ने फिर असर शुरू कर दिया मतलब डॉक्टर्स ने पहले उसका ट्रीटमेंट सही नहीं किया, हमें 20 जुलाई को फिर अपोलो अस्पताल में भर्ती किया जहाँ आज दो दिन के इलाज के बाद बेटी की मौत हो गई ।

परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, पुलिस पहुंची हॉस्पिटल 

मानसी की मौत के बाद परिजन अपोलो अस्पताल पहुंच गए उन्होंने वहां हंगामा शुरू कर दिया।  परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन के गलत इलाज और लापरवाही से उनकी बेटी की मौत हुई है।  हंगामे की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची और परिजनों को समझाइश देने का प्रयास किया।   सीएसपी विजय भदौरिया ने कहा कि परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं , उनसे बात की जा रही है,  उधर परिजनों का कहना है कि वे इस लापरवाही के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज करवाएंगे।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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