पशु चिकित्सालय में खुले में फेंका जा रहा है बायोमेडिकल वेस्ट, संक्रमण का खतरा

बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग रंगों के कूड़ेदानों में डालकर इसे वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज करना होता है मगर बिलौआ पशु अस्पताल में इन नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन हो रहा है।

Amit Sengar
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Gwalior News : ग्वालियर जिले के बिलौआ क्षेत्र में बने पशु अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही और मनमानी का एक बड़ा मामला सामने आया है जहां अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का उचित तरीके से प्रबंधन न करके खुले और सेप्टिक टैंक में फेका जा रहा है। जिससे हवा दूषित हो रही है और संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि बिलौआ पशु अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का उचित तरीके से प्रबंधन न करके खुले में फेका जा रहा है। वहीं परिसर में बना सेप्टिक टैंक जिसका मुंह खुला है और उसमें पानी भी भरा हुआ है। ऐसे में अगर इस सेप्टिक टैंक में कोई जानवर या फिर बच्चा इसमें गिर जाए तो शायद उसका बचना नामुमकिन होगा। जो कहीं न कहीं एक बड़े हादसे को न्यौता भी देता है। जबकि सरकार द्वारा सख्त निर्देश भी दिए गए थे कि खुले हुए बोरवेल, कुआँ और गड्डों को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। उसके बावजूद भी अस्पताल कैंपस में सेफ्टी टैंक खुला पड़ा है। जो कही न कही प्रशासनिक अधिकारियों की भी लापरवाही को उजागर करती है।

नियमों का पूरी तरह से हो रहा है उल्लंघन

हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट के सुरक्षित प्रबंधन के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग रंगों के कूड़ेदानों में डालकर इसे वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज करना होता है, लेकिन बिलौआ पशु अस्पताल में इन नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन हो रहा है। जिम्मेदार अफसर ध्यान ही नहीं दे रहे।

अस्पताल में लटका मिला ताला, जिम्मेदार नहीं उठा रहे फोन

इस संबंध में मीडिया द्वारा संबंधित स्टाफ से जानकारी लेना चाहिए तो अस्पताल में ताला लटका हुआ मिला जिसमें ना तो कोई डॉक्टर मौजूद था और नां हीं कोई चपरासी और जब अस्पताल की दीवाल पर अंकित फोन नंबरों पर संपर्क किया गया तो संबंधित अधिकारी कर्मचारियों ने मीडिया कर्मियों के फोन भी नहीं उठाए। अब देखना यह होगा कि इतनी बड़ी लापरवाही और अनदेखीयों पर वरिष्ठ अधिकारी क्या कुछ संज्ञान लेते हैं या फिर हमेशा की तरह ही इस मामले को यूं ही नजर अंदाज कर दिया जाएगा।

अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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