Gwalior News : अन्य त्योहारों की तरह ही ग्वालियर में भी होली का त्यौहार पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है, हर साल होलिका दहन के सार्वजनिक कार्यक्रमों की बढ़ती जा रही है, इस साल ये संख्या बढ़कर करीब 1000 तक पहुंच गई है, इन सबके बीच सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होती है सराफा बाजार में जलने वाली शहर की सबसे बड़ी होली, पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देती इस होली में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं होता केवल गोबर के कंडे प्रयोग किये जाते हैं, इस बार गाय के गोबर के 25000 कंडों का उपयोग किया जा रहा है।
गाय के गोबर के 25000 कंडों का होता है उपयोग
ग्वालियर के सराफा बाजार के व्यापारी सात दशकों से शहर की सबसे बड़ी होली जलाते आ रहे हैं, इस होली की ऊंचाई करीब 15 फीट रहती है, होली में सबसे ऊपर होलिका माता की मूर्ति लगाई जाती है और उनकी गोद में भक्त प्रह्लाद होते हैं, आयोजकों के मुताबिक होली में केवल गोबर के कंडे ही इस्तेमाल किये जाते हैं, इस बार 25 हजार कंडों का उपयोग किया जा रहा है।हम इसमें पर्यावरण को बचाने लकड़ी नहीं जलाते।