Gwalior News : जे ए एच अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर डीन सख्त, जानें क्या कहा?

सरकार द्वारा अस्पताल में दवाइयां लिस्ट के आधार पर आतीं हैं। वह अधिकतर सभी तरह की बीमारियों के लिए आतीं हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को कुछ अलग ब्रांड की दवाइयां पर्चे पर लिख देते हैं। जिससे मरीज को मजबूरन बाहर से दवाइयां लेनी पड़तीं हैं। लेकिन अधिकतर सभी दवाइयां सरकार की तरफ से अस्पताल में मौजूद है।

Amit Sengar
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Gwalior News : ग्वालियर जे ए एच अस्पताल में दवाई वितरण को लेकर मरीज के अटेंडर और दवाई वितरण कर्मचारियों में कई बार कहासुनी देखने को मिली है। कई बार देखा गया है कि मरीज को ओपीडी में ड्यूटी पर रहने वाले डॉक्टर कुछ ऐसी दवाइयां लिखते हैं, जो कि अस्पताल में मौजूद नहीं होती इसके बाद मरीज को बाहर के प्राइवेट मेडिकल से महंगे दामों यह दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। जिसमें कहीं ना कहीं डॉक्टर का एक मोटा कमीशन बना रहता है। ऐसा हमेशा से ही चल रहा है लेकिन तत्कालीन डीन आर के एस धाकड़ ने इस मामले को संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द इस समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया है।

क्या है पूरा मामला

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अस्पताल में दवाइयां लिस्ट के आधार पर आतीं हैं। वह अधिकतर सभी तरह की बीमारियों के लिए आतीं हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को कुछ अलग ब्रांड की दवाइयां पर्चे पर लिख देते हैं। जिससे मरीज को मजबूरन बाहर से दवाइयां लेनी पड़तीं हैं। लेकिन अधिकतर सभी दवाइयां सरकार की तरफ से अस्पताल में मौजूद है। अगर इस तरह की कोई शिकायत उनके संज्ञान में आती है, तो वह इस पर जरूर एक्शन लेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने मरीज और उनके अटेंडर और अस्पताल के स्टाफ को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदेश देते हुए कहा की दवाई वितरण केंद्र पर जो भी मरीज दवाइयां लेता है वह अपने सोर्स का दुरुपयोग ना करें। क्योंकि कई बार देखने में आया है कि मरीज के साथ आए अटेंडर अपने सोर्स का उपयोग करके बगैर लाइन के दवाई लेना चाहते हैं। जिससे कई बार झगड़े की भी स्थिति बन जाती है। उन्होंने कहा सभी लाइन में लगकर बारी-बारी से दवाइयां ले साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार द्वारा जो भी जिम्मेदारी मिली है। वह उसे पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से निभाएँगे और पूरी लगन और मेहनत से काम करते रहेंगे।

यह मामला मेरे संज्ञान में आया है मैं अस्पताल के दवाई वितरण केंद्र पर हो रहीं असुविधाओं को जल्द से जल्द दूर करूंगा। अस्पताल मे गाइडलाइन को लेकर भी मैं काम करूंगा।
ग्वालियर से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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