Gwalior News : तलघर निर्माण के चलते दो मंजिला मकान पड़ोसी के घर पर गिरा, दबकर निगमकर्मी की मौत, परिजनों ने किया चक्काजाम

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र में बीती रात दो मंजिला मकान के गिरने से उसके नीचे घर में सो रहे नगर निगम के सफाईकर्मी दब गए, सूचना पर पहुंचे बचाव दल के सदस्यों ने उन्हें मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, गुस्साए परिजनों ने दोषी मकान मालिक के खिलाफ FIR की मांग को लेकर चौराहे पर चक्का जाम कर दिया, मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर रास्ता खुलवाया।

जानकारी के मुताबिक चार शहर के नाके के पास जगदीश बाल्मीकि का घर है, जगदीश नगर निगम में सफाई कर्मी थे , बीती रात उनके पड़ोसी हरिश्चंद्र राजपूत के भाई महावीर के प्लाट की खुदाई चल रही थी वहां तलघर का निर्माण हो रहा था, खुदाई अधिक होने से हरिश्चंद्र का दो मंजिला मकान भरभरा कर जगदीश के मकान पर गिर पड़ा।

सो रहे निगमकर्मी जगदीश की दबकर मौत 

मकान गिरने से नीचे सो रहे जगदीश उसमें दब गए, वहां चीख पुकार मच गई, तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचना दी गई जिसने बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बचाव दल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और मलबे में दबे सफाईकर्मी को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

गुस्साए परिजनों ने किया चक्काजाम , दोषी पर FIR की मांग

मौत से गुस्साए परिजनों ने चौराहे पर चक्का जाम कर दिया, घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस नेता सुनील शर्मा अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे, उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाये और मृतक के परिवार को मदद करने की मांग की, मृतक जगदीश के पुत्र अनिल ने कहा कि हमने पड़ोसी को बहुत रोका कि खुदाई बहुत गहरी हो गई है इयन नहीं खोदिये, शिकायतें भी की लेकिन वे नहीं माने और आज मेरे पिता की मौत हो गई , अनिल ने कहा कि हम चाहते हैं कि दोषियों पर एफआईआर की जाये और उन्हें सजा मिले।

पुलिस ने दिया कार्रवाई का भरोसा 

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा का कहना है कि परिजनों को समझा दिया गया है, पुलिस ने इस मामले में अभी मर्ग कायम कर लिया है, पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है और फिर जिसकी गलती सामने आयेगी उसे सजा जरुर मिलेगी ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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