Gwalior News : बेटी पैदा हुई तो दे दिया ट्रिपल तलाक़ ,पति ने कर ली दूसरी शादी, एक साल से भटक रही महिला  

Atul Saxena
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Gwalior News : तीन बार तलाक़ बोलकर शादी तोड़ना यानि ट्रिपल तलाक़ देना कानूनन अपराध होने के बाद भी ये बंद नहीं हो रहा, ग्वालियर में एसपी ऑफिस की जनसुनवाई में एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसने इस सच को उजागर किया। पुलिस के पास पहुंची एक पीड़िता ने कहा कि उसे उसके पति ने मुंह से तीन बार तलाक़,तलाक़,तलाक़ बोलकर तलाक़ दे दिया और दूसरी शादी भी कर ली। पीड़िता ने कहा कि वो पिछले एक साल से भटक रही है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

बेटी पैदा हुई तो दे दिया ट्रिपल तलाक़

ग्वालियर पुलिस के पास पहुंची शिवपुरी निवासी रेशमा ने बताया कि उसकी शादी 2017 ने लक्ष्मीपुरम बहोड़ापुर ग्वालियर निवासी अन्नू खां के साथ सम्मेलन में हुई थी, उसकी एक चार साल की बेटी हैं, पिछले साल मेरे पति ने मुझे ट्रिपल तलाक़ इसलिए दे दिया क्योंकि कि मेरे बेटा नहीं बेटी पैदा हुई थी।

बेटे के लिए कर ली दूसरी शादी, लड़की खरीदकर लाने का आरोप  

रेशमा ने कहा कि मेरे पति का साथ उसकी माँ भी देती है, तलाक़ के बाद मुझे घर से निकाल लिया और दूसरी शादी कर ली, अभी इसी मार्च में उसके बेटा भी हुआ है, रेशमा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी सास और पति बिहार से एक महिला को खरीद कर लाये उससे ही शादी की है, रेशमा ने अपने अन्नू खां पर घर में लड़कियां लेकर आने के भी गंभीर आरोप लगाये।

ट्रिपल तलाक़ कानूनन अपराध फिर भी कोई भय नहीं 

रेशमा ने कहा कि ट्रिपल तलाक भले ही अपराध है लेकिन मेरे पति ने कहा कि वो कोई कानून नहीं मानता और उसने मुझे मुंह से तलक देकर दूसरी शादी कर ली, अब मैं एक साल से यहाँ वहां भटक रही हैं, उसने कहा कि शिवपुरी से उसे बार बार यहाँ आना पड़ता है लेकिन पुलिस मेरी मदद नहीं कर रही।

पुलिस ने दिया कार्रवाई का भरोसा 

जन सुनवाई में महिला का आवेदन लेनी वाली सीएसपी हिना खान ने कहा कि महिला अपनी बच्ची के साथ आई थी उसने पति द्वारा ट्रिपल तलाक देकर दूसरी शादी करने की शिकायत की है, आवेदन में उसने और भी बातें लिखी हैं,  हमने आवेदन को महिला थाने भेज दिया है, जाँच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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