Wed, Dec 24, 2025

Gwalior News : ई-रिक्शा चालकों का हंगामा, प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

Written by:Atul Saxena
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अभी शहर में संचालित ई-रिक्शा की संख्या करीब 12 हज़ार से ज्यादा है, इनमें तीन हज़ार से ज्यादा  ई रिक्शा (टमटम) अवैध हैं या बाहरी जिलों के हैं। इतनी बड़ी संख्या में टमटम होने से शहर का यातायात अव्यवस्थित हो रहा है, कई बार ये दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। 
Gwalior News : ई-रिक्शा चालकों का हंगामा, प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

Gwalior News : ग्वालियर की यातायात व्यवस्था को सुधारने और शहर में बेतहाशा बढ़ते ई-रिक्शा के रूट निर्धारित करने और उन्हें शिफ्ट में चलाने के प्रयास जिला प्रशासन कर रहा है, प्रशासन ने ई-रिक्शा की वास्तविक संख्या पता लगाने के लिए इनका पंजीयन भी अनिवार्य कर दिया है इसी बीच इनके संचालन की अवधि को लेकर आज ई रिक्शा चालकों ने हंगामा कर दिया, इन लोगों ने फूलबाग चौराहे के पास प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।

जिला प्रशासन ने बनाया है ई-रिक्शा के लिए ये एक्शन प्लान 

ग्वालियर जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने शहर में ई-रिक्शा संचालन को व्यवस्थित करने के लिए प्लान बनाया है। पंजीयन के बाद शहर के ई रिक्शा की वास्तविक संख्या पता चलते ही बाहरी जिलों के रिक्शा को शहर से हटाया जाएगा। प्लान के तहत  शहर को 3 ज़ोन में बांटकर शहर में संचालित रिक्शा के रूट तय किए जाएंगे जिसमें इनका शिफ्ट में और रूट वाइज संचालन हो सकेगा।

ई-रिक्शा संचालकों ने किया हंगामा और प्रदर्शन  

प्रशासन के नए प्लान की जानकारी लगने के बाद ई-रिक्शा चलाने वालों ने प्रशासन और परिवहन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, आज बुधवार को को फूल बाग पर सभी रिक्शा संचालक जमा हो गए और प्रशासन के खिलाफ हंगामा करने लगे। सूचना मिलने के बाद ट्रैफिक डीएसपी मौके पर पहुंचे और उन्हें नए ई रिक्शा संचालकों से बात कर उनकी शंकाओं का समाधान किया। पुलिस ने कहा कि प्रशासन की मंशा आपको व्यवस्थित करने की है आप किसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें ।

 शहर में अभी चल रहे हैं 12 हजार ई-रिक्शा  

आपको बता दें कि अभी शहर में संचालित ई-रिक्शा की संख्या करीब 12 हज़ार से ज्यादा है, इनमें तीन हज़ार से ज्यादा  ई रिक्शा (टमटम) अवैध हैं या बाहरी जिलों के हैं। इतनी बड़ी संख्या में टमटम होने से शहर का यातायात अव्यवस्थित हो रहा है, कई बार ये दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं, जिसके कारण ही जिला प्रशासन ने इन्हें व्यवस्थित करने का प्लान बनाया है।