Gwalior News : एक सप्ताह से बिजली गुल, परेशान निवासियों ने ऊर्जा मंत्री के बंगले का घेराव किया

Atul Saxena
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Gwalior News : प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली देने के प्रदेश सरकार के दावों में कितनी सच्चाई है इसकी हकीकत ग्वालियर जिले के ही लोग लगातार सामने ला रहे हैं, पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने व्यापारियों को साथ लेकर बिजली की बदहाली की कहानी बताई थी और आज शहर के एक वार्ड के निवासी ऊर्जा मंत्री के बंगले का घेराव करने पहुँच गये, स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 8 दिन से उनके यहाँ बिजली नहीं है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

ग्वालियर शहर के वार्ड क्रमांक 19 महावीर नगर के निवासियों ने आज ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले का घेराव किया, सीटू और माकपा के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने मंत्री का घेराव करते हुए नारेबाजी की। स्थानीय निवासी  स्वामी कुमार आर्य ने कहा कि पिछले 8 दिनों से बिजली गायब है , अधिकारी सुन नहीं रहे।

उन्होंने कहा कि ग्वालियर में तापमान 45 डिग्री के आसपास है हम लोग गर्मी से परेशान हैं बच्चों का बुरा हाल है, बिजली नहीं होने के कारण पीने का पानी नहीं मिलता, बार बार शिकायत करने के बाद भी बिजली कंपनी के अधिकारी बिजली नहीं सुधार रहे है। घेराव करने पहुंचे लोगों को ऊर्जा मंत्री नहीं मिले तो उन्होंने बंगले पर मौजूद बिजली कंपनी के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर बिजली चालू करने की मांग की।

आपको बता दें कि दो दिन पहले मप्र लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी डबरा क्षेत्र के व्यापारियों और स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ ऊर्जा मंत्री से मुलाकात करने पहुंची थी उन्होंने कहा कि डबरा में इतने हालात बहुत ख़राब हैं जो आज तक कभी नहीं हुए, उन्होंने कहा कि 24 घंटे में से मात्र 5-6 घंटे बिजली मिल रही है।

गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का गृह जिला है ग्वालियर, यहाँ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बिजली कटौती और मनमाने बिल की शिकायतें लोग करते हैं लेकिन मंत्री जी कहते हैं जहाँ कमियां होंगी सुधार करेंगे लेकिन ये सुधार कब होगा ये कोई नहीं  जानता।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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