Gwalior News : मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के साथ समझौता करना भारी पड़ा, भुगतान में 25 प्रतिशत कटौती के आदेश

भोजन की गुणवत्ता ठीक न पाए जाने पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने वितरण संस्था सुशीला देवी दीक्षित महिला मण्डल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस परिपालन में सुशीला देवी दीक्षित महिला मण्डल संस्था के जून माह के भुगतान में से 25 प्रतिशत राशि काटने के आदेश जारी किए गए हैं। 

Atul Saxena
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Gwalior Collector
Gwalior News : मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के साथ समझौता करना वितरण संस्था सुशीला देवी दीक्षित महिला मण्डल को भारी पड़ा है। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिंदे की छावनी की बालिकाओं को अच्छा मध्यान्ह भोजन न देने पर इस संस्था के जून माह के भुगतान में से 25 प्रतिशत राशि काटने के आदेश दिए गए हैं।

कलेक्टर ने बच्चों के साथ किया था मध्यान्ह भोजन  

आपको बता दें कि कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान पिछले महीने 20 जून को स्कूल चलें हम अभियान के तहत शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिंदे की छावनी में पहुँची थीं। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं के साथ बैठकर भोजन किया और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता परखी। यहाँ बच्चों को परोसी गई रोटियां मोटी थीं जिस्पा कलेक्टर ने नाराजगी जताई थी।

मिली थी गड़बड़ी, 25 प्रतिशत राशि काटने के आदेश 

भोजन की गुणवत्ता ठीक न पाए जाने पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने वितरण संस्था सुशीला देवी दीक्षित महिला मण्डल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस परिपालन में सुशीला देवी दीक्षित महिला मण्डल संस्था के जून माह के भुगतान में से 25 प्रतिशत राशि काटने के आदेश जारी किए गए हैं।

कलेक्टर के निर्देश, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने स्पष्ट किया है कि जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो अन्यथा वितरण संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि भ्रमण के दौरान स्कूलों में जाकर मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता भी परखें।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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