Gwalior News : ग्वालियर नगर निगम के बर्खास्त कर्मचारी हत्या के आरोपी करण वर्मा और उसके साथी भानु वर्मा के मकानों को आज प्रशासन ने तोड़ दिया, प्रशासन के मुताबिक आरोपियों के माकन सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर बनाये गए थे, जिसे जांच के बाद नोटिस देकर गिरा दिया गया। इस दौरान दोनों घरों की महिलाओं ने कार्यवाही का विरोध किया लेकिन पुलिस फ़ोर्स की मौजूदगी में नगर निगम के मदाखलत अमले ने दोनों आरोपियों को घरों को तोड़ दिया।
कॉलेज संचालक प्रशांत वर्मा के बेटे अभय उर्फ़ प्रखर परमार की हत्या को अंजाम देने वाले ग्वालियर नगर निगम के विनियमित कर्मचारी करण वर्मा की बुधवार को गिरफ़्तारी के बाद कल शुक्रवार को निगम प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया और आज जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने उसके मकान को भी तोड़ दिया।
हत्या के दो आरोपियों के घरों पर चले प्रशासन के हथौड़े
ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) और नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation Administration) की टीम इंद्रा नगर बहोड़ापुर पहुंची जहाँ आरोपी करण वर्मा और उसके सहयोगी भानु वर्मा के मकान बने थे, नगर निगम के मदाखलत अमले ने पहले करण के तीन मंजिल मकान पर हथोड़े (घन) चलाये फिर भानु के मकान को भी तोड़ दिया, तोड़े गए मकानों की कीमत लगभग 50 लाख के आसपास बताई जा रही है।
कार्यवाही के दौरान महिलाओं ने विरोध किया, कार्यवाही को गलत बताया, सर्दी और छोटे बच्चों का हवाला दिया लेकिन प्रशासन अपनी कार्यवाही पूरी कर ही वहां से हटा, अधिकारियों ने कहा कि दोनों मकान सरकारी जमीन को कब्ज़ा कर बनाये गए थे, जांच के बाद प्रशासन ने 29 दिसंबर को नोटिस चस्पा किये थे और आज कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
बिल्डिंग परमिशन के पैसे हड़पे, मांगने पर की हत्या
गौरतलब है कि कॉलेज संचालक प्रशांत परमार की स्कूल बिल्डिंग की परमिशन के लिए करण वर्मा ने 8 लाख 30 हजार रूपए लिए थे लेकिन परमिशन के फर्जी कागज बनाकर दिए जब इसका खुलासा हुआ तो प्रशांत परमार ने पैसे वापस मांगे, लेकिन करण की नीयत पैसों पर बिगड़ गई उसने पिछले मंगलवार को प्रशांत के बेटे अभय उर्फ़ प्रखर को निगम कार्यालय बुलाया और अपने साथ भानु वर्मा और गौरव उर्फ़ हर्ष सक्सेना के साथ गाड़ी में ले जाकर उसका गला दबाया फिर गोली मारी और शव को झाँसी के पास जलाकर फेंक दिया।
परिजनों ने चक्काजाम कर घर तोड़ने की मांग की थी
घटना के बाद पुलिस ने बुधवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया, घटना के बाद प्रखर के परिजनों और क्षत्रिय समाज के लोगों ने चक्काजाम कर आरोपियों के घरों की शिकायत की और उन्हें तोड़ने की मांग की, इधर निगम प्रशासन ने कल शुक्रवार को करण वर्मा की सेवा समाप्त कर दी, वहीं प्रशासन ने मकानों की जांच के बाद आज उन्हें तोड़ दिया ।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....