Gwalior News : सैकड़ों आदिवासियों ने घेरा कलेक्ट्रेट, रात्रि विश्राम की घोषणा से सहमा प्रशासन, दिया मांगे स्वीकार करने का आश्वासन

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर जिले के सैकड़ों आदिवासियों ने सरकार और जिला प्रशासन की वादाखिलाफी से परेशान होकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया, जिले के डबरा विकासखंड से कल बुधवार को पैदल मार्च निकालकर चले आदिवासी आज गुरुवार की शाम ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन अधिकारियों एक रवैये को देखकर आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी, आदिवासियों के ऐलान के बाद प्रशासन सहम गया और फिर वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर मांगों के निराकरण का भरोसा दिलाया जिसके बाद आदिवासियों ने अपन आन्दोलन की समाप्ति की घोषणा की।

इन मांगों को लेकर आदिवासियों ने किया डबरा से ग्वालियर तक पैदल मार्च 

प्रत्येक भूमिहीन आदिवासी परिवार को 5 एकड़ कृषि भूमि का पट्टा दिया जाए, जिन्हें आवास नहीं है उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना का लाभ दिया जाए, इसमें हो रही रिश्वतखोरी को बंद किया, इसके अलावा आदिवासियों के पट्टो पर दबगों द्वारा किए गए कब्जे को हटवाने, सस्ती बिजली देने, मनरेगा की मजदूरी 600/- रुपये  प्रतिदिन करने तथा 200 दिन के रोजगार की गारंटी देने आदि की मांग को लेकर यह पद यात्रा कल डबरा से शुरू हुई,  इस यात्रा में मध्य प्रदेश किसान सभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव के अलावा जिला महासचिव जितेंद्र आर्य, कमल सिंह, मोहन सिंह प्रेम बाई, आदिवासी मद्दोंबाई आदिवासी, साबू खान, रामगोपाल सेन सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी शामिल थे।

कंधे पर बच्चे, हाथ में लाठी लेकर चल रहे थे आदिवासी, 75 साल के बुजुर्ग में भी दिखा जोश 

अपने सिर पर खाने की गठरी, कंधे पर बच्चे और हाथ में लाठी लिए आदिवासी डबरा से ग्वालियर तक पैदल मार्च करते हुए  निकले, चिलचिलाती धूप में जोशीले नारे लगाते हुए सारे लोग जोश और संकल्प के साथ चल रहे थे कई लोगों के पैरों में चप्पल तक नहीं थी इस पदयात्रा में 75 साल तक की बुजुर्ग भी शामिल रहे और वह बिना किसी सहारे थे डबरा से पैदल चल रहे थे पदयात्रा ने कल रात्रि विश्राम बिलौआ मंडी में किया।

ग्वालियर कलेक्ट्रेट का घेराव किया, रात्रि विश्राम की घोषणा के बाद प्रशासन ने दिया मांगें पूरी करने का भरोसा 

आज गुरुवार सुबह यात्रा बिलौआ से फिर शुरू हुई और उमस भरी गर्मी में आदिवासी पैदल चलते हुए देर शाम ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचे, करीब आठ सैकड़ा आन्दोलनकारी आदिवासियों की मौजूदगी की सूचना मिलते ही आंदोलनकारियों के बीच पहले एसडीएम अशोक चौहान आये लेकिन कोई ठोस आश्वासन ना होने पर आंदोलन के नेताओं ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी, रात्रि विश्राम की घोषण सुनते ही एडीएम टी एन सिंह आये और कहा कि कलेक्टर भोपाल है, लेकिन मैं उनकी तरफ से सभी समस्याओ के निराकरण का आवश्वासन देता हूँ।

मजदूर नेताओं ने कहा कि ये एकता की जीत 

फिर चर्चा के बाद आदिवासियों ने आन्दोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, सभा समाप्ति के अवसर पर आंदोलनकारियों को सबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव ने कहा कि ये छोटी जीत है अगर गरीबों की एकता मजबूत होती है तो हमारी सभी समस्याओं का समाधान होगा, उन्होंने कहा कि हमारी एकता ही हमारी जीत की गारंटी है
सभा को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रामविलास गोस्वामी, खेतमज़दूर यूनियन के नेता रामबाबू जाटव, मुस्लिम अधिकार मंच के यूसफ़ खान ने संबोधित किया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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