Sun, Dec 28, 2025

Gwalior News : जनसुनवाई में पहुंची महिला ने किया फांसी लगाने का प्रयास, मचा हडकंप

Written by:Atul Saxena
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Gwalior News : जनसुनवाई में पहुंची महिला ने किया फांसी लगाने का प्रयास, मचा हडकंप

Gwalior News : ग्वालियर में आज कलेक्टर की जन सुनवाई में उस समय हडकंप मच गया जब एक महिला ने वहां फांसी लगाने की कोशिश की , महिला ने अपने गले में दुपट्टे के दो तीन फोल्ड किये, गठान बनाई और उसे कस लिया, दुपट्टा कसते ही महिला की चीख निकली और वो बेहोश होकर गिर पड़ी, महिला के बेहोश होते ही वहां अफरा तफरी मच गई, वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने महिला के गले से दुपट्टा निकालना चाहा तो उसने उसे कसकर पकड़ लिया फिर मुश्किल से एक पुलिसकर्मी ने अन्य लोगों की मदद से महिला के गले से दुपट्टा निकाला, तत्काल वहां डॉक्टर को बुलाया और महिला का उपचार किया गया।

जानकारी के अनुसार सरोज जाटव नाम की महिला आज कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची थी, उसके पास मौजूद आवेदन के मुताबिक महिला के पति की मृत्यु हो चुकी है, उसकी पुश्तैनी कृषि भूमि है जिसपर दबंगों के कब्ज़ा कर रखा है और वे उसे कई वर्षों से जोत रहे है , वो इस कृषि भूमि का सीमांकन कराना चाहती है।

उसमें सीमांकन के लिए 25 मई को ऑनलाइन आवेदन तानसेन तहसील मुरार में किया था, तहसीलदार ने उससे आर आई और हल्का पटवारी से मिलने के लिए कहा, उसने आर आई को आवेदन की हार्ड कॉपी दी तो उसने कहा कि अभी पटवारी छुट्टी पर है यदि जल्दी सीमांकन कराना है तो मुझे 25 हजार रुपये दे दो तो मैं स्पेशल केस में सीमांकन कर दूंगा।

सरोज जाटव ने आवेदन में लिखा कि मैंने आर आई से कहा कि मैं गरीब विधवा हूँ अनुसूचित जाति की हूँ कहाँ से इतना पैसा दूंगी, तो आर आई ने कहा कि यदि पैसा नहीं दोगी तो तुम्हारी जमीन का सीमांकन नहीं होने दूंगा। सरोज ने इस बात की शिकायत तहसीलदार से भी की लेकिन तहसीलदार ने कोई एक्शन नहीं लिया  और आज तक जमीन का सीमांकन नहीं हुआ।

सरोज ने कहा कि वो गरीब है उसका पति नहीं है, यदि उसकी कृषि भूमि दबंगों से मुक्त हो जाएगी तो वो अपना भरण पोषण कर लेगी लेकिन जब सरकार के अधिकारी कर्मचारी मेरा साथ नहीं दे रहे उल्टा मुझसे मुझसे रिश्वत मांग रहे हैं तो मैं क्या करूँ इससे तो मर ही जाना ठीक है, इसलिए ऐसा किया है।

हालाँकि महिला को इलाज के बाद समझाइश दी गई कि उसने जो किया वो गलत है, अधिकारियों ने कहा कि आपकी  जमीन का नामांकन नियमानुसार कर दिया जायेगा। बहरहाल महिला का ये कदम एक बात तो स्पष्ट बताता है कि भष्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश और चेतावनी की परवाह किसी भी अधिकारी कर्मचारी को नहीं हैं और जिस कलेक्ट्रेट पर जिले को चलाने की जिम्मेदारी है उसके ही अधिकारी कर्मचारी रिश्वत के खेल में मस्त हैं, ग्वालियर कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक को इसपर संज्ञान लेने की जरुरत है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट