Gwalior News : गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए युवाओं की अभिनव पहल, सींगों पर लगा रहे रेडियम स्ट्रिप, पुलिस भी बनी सहयोगी

Gwalior News : बीच सड़क और हाइवे पर बैठे पशु सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण भी होते हैं और अपनी जान भी गंवाते हैं, शहरी क्षेत्रों में तो नगर निगम आवारा गायों को पकड़कर गौशाला में भिजवा देते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ये हाइवे पर बैठी रहती हैं, दुर्घटना से गायों और इंसानों को बचाने के लिए कुछ युवाओं ने एक अभिनव पहल शुरू की है, ये युवा हाइवे पर बैठी गायों के सींगों पर रेडियम स्ट्रिप लगा रहे हैं और उनके गले में रेडियम की कॉलर पहना रहे हैं।

Gwalior News : गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए युवाओं की अभिनव पहल, सींगों पर लगा रहे रेडियम स्ट्रिप, पुलिस भी बनी सहयोगी

ग्वालियर जिले के कुछ युवा संगठित होकर भितरवार क्षेत्र में हाइवे पर बैठी गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए आगे आये हैं इन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गायों के सींगों पर रेडियम स्ट्रिप लगाई और गले में विशेष रूप से बनाई रेडियम कॉलर पहनाई, युवाओं के इस काम में पुलिस भी सहयोगी बनी।

Gwalior News : गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए युवाओं की अभिनव पहल, सींगों पर लगा रहे रेडियम स्ट्रिप, पुलिस भी बनी सहयोगी

एसडीओपी घाटीगांव संतोष पटेल और भितरवार थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा भी सामाजिक कार्यकर्ता युवाओं के सहयोगी बने, पुलिस ने गायों को रेडियम स्ट्रिप लगाने वाले आयुष पालीवाल और उनके साथियों के इस काम की सराहना की और कहा ये बहुत पुनीत कार्य है, एसडीओपी संतोष पटेल ने युवाओं का हौसला बढ़ाया और अपने वाहन से दूर से देखकर इस बात का अनुभव किया कि रेडियम दूर से चमकने से वाहन चालक को पशु दिखाई दे रहा हैं।

Gwalior News : गायों को दुर्घटना से बचाने के लिए युवाओं की अभिनव पहल, सींगों पर लगा रहे रेडियम स्ट्रिप, पुलिस भी बनी सहयोगी

उन्होंने कहा कि ये बहुत अच्छा प्रयास है इससे न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी साथ ही गायों की जान भी बचेगी, युवाओं ने उन्हें बताया कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में करीब एक सैकड़ा गायों और अन्य पशुओं के सींगों पर रेडियम स्ट्रिप लगाई है और उनेक गले में रेडियम कॉलर पहनाई है , उनका ये अभियान जारी रहेगा।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट    


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News