Gwalior News : राष्ट्रीय जल सम्मेलन सह ‘‘बैंसली विमर्श’’ संगोष्ठी में बोले राज्य मंत्री कुशवाह, नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये साझा प्रयास जरूरी

Gwalior News : बैंसली नदी पुनर्जीवन अभियान पर केन्द्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन सह ‘‘बैंसली विमर्श’’ संगोष्ठी आज ग्वालियर में शुरू हुई, उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि “खुशी की बात ये है सरकार और समाज के साझा प्रयासों से “खेत का पानी खेत में और घर का पानी घर में” के सिद्धांत को अपनाकर एक जनअभियान के रूप में नदियों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी भावना के साथ ग्वालियर जिले में बैसली नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास हो रहे हैं। जिसमें 500 से अधिक स्वयंसेवी जल बचाने के काम में जुटे हैं।

45 से अधिक ग्रामों के नागरिकों की आर्थिक प्रगति के नए द्वार खुलेंगे

भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM) के सभागार में आयोजित हो रहे जल सम्मेलन में पदमश्री से सम्मानित जल योद्धा  उमाशंकर पांडेय मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे। बैसली पुनर्जीवन पर केन्द्रित जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कुशवाह ने कहा कि बैंसली नदी के पुनर्जीवित होने से ग्वालियर जिले के 45 से अधिक ग्रामों के नागरिकों की आर्थिक प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। नदी के पुनर्जीवित होने से क्षेत्र के भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।

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पानी के बगैर हमारा जीवन सुरक्षित नहीं है : मंत्री कुशवाह

उन्होंने कहा इस अभियान को जनता के साथ जोड़कर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी के बगैर हमारा जीवन सुरक्षित नहीं है। पानी तभी सुरक्षित होगा जब हम वर्षा जल को सहजेगें और वह तभी संभव है जब हम अधिक से अधिक वृक्ष लगायें एवं तालाबों का निर्माण करें। इसके लिए किसानों को मेड़ पर पेड़ लगाने के लिए फलों के पौधे वितरित किए गए थे, ताकि किसान इनका ख्याल रखें। बैसली नदी के किनारे स्टाप डैम तैयार करने के साथ ही पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार और पौधरोपण भी बडी संख्या में किया जा रहा है। भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि “बैसली नदी” का उद्गम भदावना जल प्रपात से होता है। यह नदी भिण्ड के सिंध नदी में जाकर मिलती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भदावना को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।

“खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़” विधि से जल का करें संरक्षण – पद्मश्री पाण्डेय

पदमश्री से सम्मानित जल योद्धा उमाशंकर पांडेय ने कहा कि जल संरक्षण की परंपरागत विधि ‘‘खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़’’ से हम जल को बडे स्तर पर संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया कि जब मालगाड़ी से बुंदेलखंड में पानी लाया जाने लगा था, लेकिन बुंदेलखंड हमेशा से ऐसा नहीं था यहां भी पानी था, लेकिन हम पानी को संरक्षित नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरागत जल संरक्षण की विधियां आज भी कारगर हैं और हमने भी वही तरीका अपनाया। हमने खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ लगाकर जल को संरक्षित करने का काम किया।

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ग्वालियर जिले में सरकार ने 101 अमृत सरोवर बनवाए

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह ने इस अवसर पर जानकारी दी कि ग्वालियर जिले में सरकार द्वारा 101 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया है। जिसमें सफलतापूर्वक वर्षा जल सहेजने का काम हो रहा है। इसी तरह रियासतकाल के 45 तालाबों का जीर्णोद्धार भी सरकार द्वारा किया जा रहा है, जिसमें से 8 जलाशयों का अभी तक जीर्णोद्धार किया जा चुका है।

जल बचाओं प्रतियोगिता के विजेता जल दूतों का हुआ सम्मान

जिले में बीते दिनों जल बचाओं विषय पर विभिन्न स्कूलों में प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों राष्ट्रीय जल सम्मेलन में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  भारत सिंह कुशवाह व अन्य अतिथियों ने प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पुरस्कृत विद्यार्थियों में राजनंदनी, अभिषेक सिंह, नितिन बघेल, अनुष्का गौर, जितेन्द्र, सादर खान, निश्चल, प्रतिभा, युवाराज गुप्ता, उदय तिवारी, लोरी गोयल व मन्नत अरोरा इत्यादि विद्यार्थी शामिल हैं।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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