ग्वालियर । प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें हैं। मेले में आने वाले सैलानियों को गांधी शिल्प बाजार के माध्यम से जहां विभिन्न प्रांतों के शिल्पियों की कलाकृतयां देखने व खरीदने का अवसर मिलेगा, वहीं इससे स्थानीय महिलायें भी हस्त कला के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकेंगीं। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी रविवार को मेला परिसर में विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार नईदिल्ली एवं संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम, मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित गांधी शिल्प बाजार के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी। । कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक मुन्नालाल गोयल ने की।
ग्वालियर व्यापार मेले में हर साल लगने वाले गांधी शिल्प बाजार का आज शुभारंभ हुआ। मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने श्रीगणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पूजा-अर्चना कर मेले का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शिल्पियों को लगातार वर्ष भर रोजगार मिले इसके प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि शिल्प बाजार के माध्यम से सैलानियों को प्रदेश एवं देश के शिल्पकारों द्वारा निर्मित कलाकृतियां जहां देखने को मिलेंगी वहीं वे इसे खरीद भी सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन शिल्पियों से ज्ञान हासिल कर घरेलू महिलायें भी ऐसी कलाकृतियां बनायें जिससे रोजगार मिलने के साथ-साथ ग्वालियर का नाम भी रोशन हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि शिल्प बाजार शिल्पियों के साथ-साथ सैलानियों के लिए भी नए वर्ष में नए सुखद अनुभव लेकर आया है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का व्यापार मेला 100 वर्ष पुराना है और इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों के शिल्पी एवं कलाकार अपनी कलाकृतियां लाकर यहां विक्रय करते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रांतों से आए शिल्पियों से आग्रह करते हुए कहा कि इस शिल्प बाजार को और वैभव मिले, इसके लिए अपने सुझाव भी दें। जिससे आने वाले समय में शिल्प बाजार और ऊँचाईयां छू सके। उन्होंने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से मेले में बिकने वाले वाहनों पर सरकार रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दे रही है। शिल्प बाजार के प्रभारी डी सी तिवारी ने बताया कि शिल्प बाजार में 16 राज्यों के शिल्पियों द्वारा अपनी कलाकृतियां लाई गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष भर चलने वाले शिल्प बाजार के माध्यम से 24 जनवरी से 02 फरवरी तक आदिवासी महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के आदिवासी शिल्पी भाग लेंगे। 4 फरवरी से 23 फरवरी तक अखिल भारतीय दस्तकारी मेले का आयोजन होगा। मार्च माह में हथकरघा कार्यालय द्वारा संभागीय मेले का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गांधी शिल्प मेले में 70 शिल्पी भाग ले रहे हैं, जिसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकांश शिल्पी हैं।इस मौके पर उप संचालक हथकरघा सुधीर व्यास, भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सहायक निदेशक पुष्प राजन, भोपाल से के सी नागर, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सहायक संचालक आर बी कोरी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।