Gwalior News : 1 लाख 20 हजार रुपये की स्मैक के साथ पकड़ा नाबालिग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस ने एक नाबालिग को स्मैक की (Smack seized from minor) बड़ी मात्रा के साथ पकड़ा है।  पुलिस में बाल आरोपी ने बताया कि उसे एक बाबा ने ये स्मैक बेचने के लिए दी है, पुलिस ने जब बाबा की तलाश की तो वो बच्चे के  बताये स्थान पर नहीं मिला। पुलिस (Gwalior Police) नाबालिग से पूछताछ कर रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक एसएसपी अमित सांघी (Gwalior SSP Amit Sanghi) को मुखबिर ने सूचना दी कि न्यू कलेक्ट्रेट के पीछे लाल रंग की टी शर्त पहने एक लड़का कोई मादक पदार्थ बेचने के लिए खड़ा है। एसएसपी ने तत्काल एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया को एक्शन के निर्देश दिए।

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एडिशनल एसपी ने निर्देश मिलते ही सीएसपी विश्व विद्यालय रत्नेश तोमर, डीएसपी क्राइम विजय भदौरिया के साथ टीआई क्राइम ब्रांच थाना दामोदर गुप्ता और टीआई विश्व विद्यालय थाना संतोष मिश्रा को कार्यवाही के लिए मुखबिर के बताये स्थान पर भेजा।

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पुलिस (Gwalior Police) को न्यू कलेक्ट्रेट के पीछे सड़क पर एक लड़का खड़ा दिखाई दिया। पुलिस को देखते ही लड़के ने झाड़ियों की तरफ दौड़ लगाई लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। पकड़ा गया लड़का नाबालिग था, तलाशी लेने पर उसके पास से 12 ग्राम स्मैक मिली जिसकी  कीमत लगभग 01 लाख 20 हजार रुपये है. पुलिस ने स्मैक को जब्त कर लिया।

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पुलिस ने जब बाल अपचारी से स्मैक के संबंध में पूछताछ की तो उसने बताया कि ओहदपुर के रास्ते पर एक बाबा द्वारा उसे यह स्मैक बैचने के लिये दी गई थी।  नाबालिग से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने बाल अपचारी के साथ ओहदपुर रोड़ पर पहुंचकर उस बाबा की तलाश की, लेकिन वो मौके पर नहीं मिला। पुलिस ने पकड़े गये बाल अपचारी के विरूद्ध थाना विश्वविद्यालय में एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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