Gwalior News : मनरेगा में वित्तीय अनियमितता करना पड़ा भारी, तत्कालीन सरपंच व सचिव को जेल भेजने के आदेश 

ग्राम पंचायत धोबट के तत्कालीन सरपंच सुरेन्द्र सिंह रावत व सचिव लाखन सिंह गुर्जर द्वारा मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत एक ही व्यक्ति के दो-तीन जॉबकार्ड बनाकर फर्जी तरीके से मजदूरी के रूप में लगभग 19 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि की वित्तीय अनियमितता की गई। 

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायत धोबट के तत्कालीन सरपंच व सचिव को वित्तीय अनियमितता करना भारी पड़ने जा रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने धोबट के पूर्व सरपंच सुरेन्द्र सिंह रावत व सचिव लाखन सिंह गुर्जर को जेल भेजने के आदेश दिए हैं।

जॉबकार्ड बनाकर फर्जी तरीके से19 लाख 35 हजार रुपये का भुगतान किया 

जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार भितरवार विकासखंड की ग्राम पंचायत धोबट के तत्कालीन सरपंच सुरेन्द्र सिंह रावत व सचिव लाखन सिंह गुर्जर द्वारा मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत एक ही व्यक्ति के दो-तीन जॉबकार्ड बनाकर फर्जी तरीके से मजदूरी के रूप में लगभग 19 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि की वित्तीय अनियमितता की गई।

तत्कालीन सरपंच और सचिव पर एक्शन 

यह अनियमितत सामने आने पर तत्कालीन सरपंच सुरेन्द्र सिंह रावत व सचिव लाखन सिंह गुर्जर के खिलाफ मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-92 के तहत वसूली का प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही रकम चुकाने के लिए इन्हें पर्याप्त समय दिया गया। लेकिन तत्कालीन सरपंच व सचिव द्वारा मात्र 3 लाख 63 हजार 576 रुपये ही जमा कराए गए।

आदेश के बाद भी जमा नहीं कराई पूरी राशि  

इस प्रकरण में 15 फरवरी को अंतिम आदेश पारित कर इन दोनों को 15 दिन के भीतर शासन के खजाने में शेष राशि जमा करने के आदेश दिए गए थे। किंतु तत्कालीन सरपंच सुरेन्द्र रावत द्वारा मात्र 40 हजार और सचिव द्वारा मात्र 20 हजार रुपये जमा कराए गए। इस प्रकार तत्कालीन सरपंच सुरेन्द्र सिंह रावत ने 7 लाख 45 हजार 609 और पंचायत सचिव लाखन सिंह गुर्जर ने 7 लाख 65 हजार 609 रुपये की धनराशि शासन के खाते में जमा नहीं कराई है।

CEO ने जेल भेजने के आदेश दिए 

इस वित्तीय अनियमितता पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह विहित अधिकारी विवेक कुमार ने तत्कालीन सरपंच व सचिव को पकड़े जाने की तारीख से 30 दिन की अवधि के लिए जेल में रखने के आदेश उप जेल डबरा के भारसाधक अधिकारी (अधीक्षक) को दिए हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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