Gwalior News : पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों ने पीएचई कार्यालय पर की तालाबंदी, दिया धरना

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  पिछले सात दिनों से पेयजल संकट से जूझ रहे वार्ड क्रमांक 34 के निवासियों ने पूर्व पार्षद के साथ मिलकर ग्वालियर नगर निगम के पीएचई कार्यालय (Gwalior Municipal Corporation PHE Office) का घेराव किया और तालाबंदी की। लोगों का कहना था कि नगर निगम के अधिकारी गरीबों, दलितों और पिछड़ों के साथ अन्याय करते हैं और पैसे वाले बड़े लोगों के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं।  धरने पर बैठे पूर्व पार्षद ने क्षेत्र के सब इंजीनियर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उसे हटाने की मांग की है।

शिंदे की छावनी नहर पट्टर के लोगों को आज जयेन्द्रगंज स्थित नगर निगम के पीएचई कार्यालय का घेराव किया और तालाबंदी की। घेराव का नेतृत्व कर रहे पूर्व पार्षद माकपा नेता भगवान दास सैनी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में 7 दिन से मोतीझील का पानी नहीं आ रहा।  क्षेत्र में दो बोरिंग हैं लेकिन उसपर ताकतवर लोगों का कब्ज़ा है।  नगर निगम के अधिकारियों से कहने के बावजूद उससे क्षेत्र में पानी नहीं दिया जा रहा।

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उन्होंने कहा कि यहाँ अमृत योजना की लाइन भी नहीं है क्योंकि यहाँ दलित, पिछड़े, गरीब रहते हैं। क्षेत्र में पदस्थ सब इंजीनियर जनता की बात नहीं सुनते, उन्होंने यहाँ अभियान चला रखा है, हम ऐसे भ्रष्ट इंजीनियर को यहाँ नहीं रहने देंगे। पूर्व पार्षद का कहना कि हम यहाँ ज्ञापन देने आये थे समय तय था लेकिन जब अधिकारी नहीं आये तो हमने तालाबंदी कर दी। पूर्व पार्षद का कहना है कि यदि समस्या का निराकरण जल्द नहीं होता तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।

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उधर ज्ञापन लेने आये नगर निगम के पीएचई के सहायक यंत्री महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सप्लाई लाइन में लीकेज था उसे चिन्हित कर लिया गया है उसे ठीक कराने का काम जारी है। लीकेज ठीक होते ही सबक पानी मिलने लगेगा।  उन्होंने कहा कि ज्ञापन में जो मांग की गई हैं उनका परीक्षण कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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