Gwalior News : रिटायर्ड फौजी ने छोटे भाई की गोली मारकर की हत्या, ये था कारण

Atul Saxena
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Gwalior News : एक रिटायर्ड फौजी ने अपने सगे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या का कारण संपत्ति का विवाद बताया जा रहा है। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया है, घटना ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र की है,  सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव अको पीएम के भिजवा दिया है।

मृतक, बड़े भाई के घर के बाहर करने लगा गाली गलौज 

जानकारी के मुताबिक मुरैना जिले के पोरसा के ग्राम तरसमा का रहने वाला शिव मोहन तोमर 3 साल पहले फौज से रिटायर  हुआ है और यहाँ ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के गंगा विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहता है। शिव मोहन का छोटा भाई श्यामू तोमर निवासी तरसमा गांव का आज दोपहर में अपने बड़े भाई के घर आया और घर के बाहर शराब के नशे में गाली गलौज कर हंगामा कर रहा था।

परेशान होकर रिटायर्ड फौजी ने लाइसेंसी बंदूक से मार दी गोली 

बड़े भाई ने छोटे भाई को शांत कराने की कोशिश की लेकिन जब वो नहीं माना तो वो वहां से चला गया। बड़े भाई के जाते ही छोटे भाई की हरकत और बढ़ गई, वो अपनी भाभी को गाली देकर घर पर पत्थर फेंकने लगा। कुछ देर बाद जब बड़ा भाई रिताय्रद फौजी वापस घर लौटा और छोटे भाई की हरकत देखी तो वो भड़क गया उसने घर में रखी अपनी 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक निकाल कर छोटे भाई के सीने में दाग दी। दो गोली सीने पर लगने से उसके छोटे भाई की घर के बाहर मौत हो गई, घटना के बाद बड़ा भाई फरार हो गया।

छोटा भाई संपत्ति को लेकर करता था विवाद 

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। सीएसपी रवि भदौरिया ने बताया कि परिजनों ने पूछताछ के दौरान बताया कि मृतक छोटा भाई श्यामू तोमर अपने बड़े भाई से गांव की संपत्ति को लेकर विवाद करता था और वहां संपत्ति को अपने नाम करना चाहता था। बड़ा भाई छोटे भाई शराबी हरकतों से उसके नाम संपत्ति नहीं करना चाहता था। फिलहाल पुलिस ने  फरार हुए रिताय्रद फौजी बड़े भाई के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है, पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है साथ ही आरोपी की लोकेशन निकाल कर उसकी तलाश कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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