Gwalior News : विदेश में जाकर नौकरी करने का सपना देखने और खूब सारा पैसा कमाने की सोच रखने वाले बच्चों और उनके माता पिता के लिए ये खबर विचलित कर देने वाली है, ग्वालियर में आज एक माता पिता की बेबसी और लाचारी ऐसा कुछ दिखा और बता रही है जिसकी कल्पना कोई नहीं करता, विदेश में बेटे की मौत के चार दिन बाद भी उसके शव को भारत लाने के लिए बुजुर्ग माता पिता परेशान हैं, उनकी ना तो उस कंपनी ने अब तक कोई मदद की जहाँ बेटा नौकरी करता था और ना ही विदेश मंत्री से लेकर मध्य प्रदेश के उन बड़े नेताओं ने कोई मदद की जो ग्वालियर से सीधा सम्पर्क रखते हैं, बुजुर्ग माता पिट एब एक प्राइवेट एजेंसी के जरिये बेटे के शव को भारत बुलवाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इस पर आने वाले करीब 10 लाख रुपये के खर्च का इंतजाम करना उन्हें परेशान कर रहा है।
जर्मनी में बेटे की हार्ट अटैक से मौत, ग्वालियर में माता पिता का बुरा हाल
ग्वालियर की ललितपुर कॉलोनी में रहने वाले बाबू सिंह राठौर और उनकी पत्नी प्रभादेवी राठौर का घर में रो-रो कर बुरा हाल है। उनका होनहार सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटा प्रणीत राठौर अब इस दुनिया में नहीं रहा, प्रणीत जर्मनी में म्यूनिख शहर में एक कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर पदस्थ था। लेकिन 14 अगस्त को उसकी अचानक ही हार्ट अटैक से मौत हो गई।
पत्नी और बेटी के साथ खाना खाया, सुबह नींद से नहीं जाग पाया, सोते में आया अटैक
घटना की सूचना उनकी बहू ने उन्हें दी, उन्होंने मीडिया को बताया कि उनका बेटा धार्मिक प्रवृत्ति का था, विदेश में रहते ही भी भारतीय रीति रिवाज मानता था, बेटे और बहू ने श्रावण मास के सोमवार का व्रत रखा था। उसने रात के वक्त अपनी पत्नी और 7 साल की बच्ची के साथ खाना खाया था और खाना खाने के बाद वह नींद में सो गया। लेकिन अगली सुबह जब उसकी पत्नी ने उसे उठाने की कोशिश की तो वह उठ ही नहीं सका।
बेटे के अंतिम संस्कार के लिए माता पिता परेशान
प्रणीत को बेसुध हाल में देखकर बहू ने तत्काल चिकित्सकों को बुलाया गया, उसे अस्पताल भी भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत के गम में डूबे उसके पिता बाबू सिंह राठौर और मां प्रभादेवी अपने बच्चे का अंतिम संस्कार ग्वालियर में करना चाहते हैं। वह आखिरी बार अपने बेटे की सूरत देखना चाहते हैं। लेकिन मौत के चार दिन बाद भी डेड बॉडी भारत नहीं आ पाई है।
सिंधिया, तोमर, सीएम शिवराज, विदेश मंत्री जयशंकर सबको लगाई गुहार
परेशान और बीमार माता पिता ने बेटे की पार्थिव देह ग्वालियर मंगाने के लिए ग्वालियर के दो बड़े नेता केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से गुहार लगाई लेकिन इन्हें किसी ने रिस्पोंस नहीं दिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गुहार लगाई, विदेश मंत्री एस जयशंकर से गुहार लगाई लेकिन किसी भी दरवाजे से कोई मदद नहीं मिली।
माता पिता की टूट रही आस, बड़े नेताओं से मदद की गुहार नहीं आई काम
बाबू सिंह जी ने कहा कि ये सब इतने बड़े नेता हैं कि एक फोन कर देंगे तो बेटे का शव आ जायेगा लेकिन किसी ने मदद नहीं की , हम तो महाराजा सिंधिया की प्रजा हैं उन्हें तो मदद करनी चाहिए, नरेंद्र सिंह तोमर भी ग्वालियर के बड़े नेता है, शिवराज सिंह प्रदेश के मुखिया है जब ये लोग ही मदद नहीं करेंगे तो प्रदेश की जनता कहाँ गुहार लगाएगी।
प्राइवेट एजेंसी से शव लाने किहुई बात मांग रही 10 लाख रुपये
बाबू सिंह राठौर ने कहा कि कंपनी वालों ने इस पूरे मैटर से ही पल्ला झाड़ लिया है वो तो ऐसे बर्ताव कर रहे हैं कि जैसे हमारा बेटा उनका एम्प्लोई ही नहीं था। उन्होंने कहा कि हमें सब जगह से जब न उम्मीदी हाथ लगी तो एक प्राइवेट एजेंसी से बात की है जो बेटे का शव भारत ग्वालियर लाने में 10 लाख रुपये का खर्चा बता रही है, हम इस पैसे का जैसे तैसे इंतजाम करेंगे जिससे बेटे की अंतिम क्रिया तो आँखों के सामने हो जाए ।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट