Gwalior News : नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी विचाराधीन बंदी ने जेल में की आत्महत्या

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर सेन्ट्रल जेल की डबरा उप जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी ने अपनी बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, फांसी लगाने की खबर से जेल में हडकंप मच गया, प्रहरी ने जेलर को इसकी सूचना दी , जेल प्रबंधन तत्काल बंदी को लेकर डबरा सिविल अस्पताल पहुंचा जहाँ डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया, घटना के बाद  ग्वालियर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक जाँच के लिए डबरा पहुँच गए हैं उन्होंने कहा कि  जाँच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

बैरक में चादर का फंदा बनाया और लगा ली फांसी 

जानकारी के अनुसार मृतक विचाराधीन बंदी अविनाश छीपा उर्फ गोलू 13 मार्च से एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में डबरा उप जेल में बंद था,  बीती शाम उसने अपनी बैरक में चादर का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। विचाराधीन बंदी द्वारा फांसी लगाने की घटना से पहरा दे रहा प्रहरी घबरा गया उसने जेलर को घटना की सूचना दी।

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अस्पताल में डॉक्टर्स ने बंदी की मृत घोषित किया 

जेल स्टाफ भागकर बंदी के बैरक में पहुंचा उसे नीचे उतारा और सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा जहां डॉक्टरों ने बंदी को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद आज शुक्रवार को ग्वालियर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक विदित सरवैया डबरा पहुँच गए हैं उन्होंने कहा कि जांच  में जो भी दोषी सामने आएगा उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जायेगा।

नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोप में था बंद

गौरतलब है कि विचाराधीन बंदी अविनाश एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक था इसी दौरान उसने 15 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद 13 मार्च को डबरा उप जेल भेज दिया था, उसने आत्महत्या क्यों की अभी ये स्पष्ट नहीं हो सका है, ग्वालियर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक घटना की जाँच कर रहे हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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