Gwalior News : केंद्रीय मंत्री तोमर बोले – अहिल्याबाई का जीवन चरित्र सभी के लिये प्रेरणादायी, वाहन रैली को दिखाई हरी झंडी

Gwalior News : ग्वालियर में आज रामलीला मैदान मुरार पर देवी अहिल्याबाई की 298वी जयंती के अवसर पर पाल-बघेल समाज ने भव्य समारोह का आयोजन किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे उन्होंने समारोह को करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई का जीवन चरित्र सभी के लिये प्रेरणादायी है, केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर हरी झण्डी दिखाकर वाहन रैली को रवाना किया ।

नरेंद रसिंह तोमर ने कहा कि न्याय की देवी माता अहिल्याबाई होल्कर मानव सेवा, समर्पण, भाईचारा, धर्म परायणता और न्याय प्रियता की प्रतिमूर्ति थीं। उनका जीवन चरित्र सभी के लिये प्रेरणादायी और अनुकरणीय है। वे ऐसी मातृ शक्ति थीं जिनका सम्मान देश ही नहीं दुनियाभर में होता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपने राज्यकाल में देवी अहिल्याबाई ने न्याय प्रियता की मिसाल कायम की। उन्होंने न्याय के लिये अपने पुत्र का जीवन भी दाँव पर लगा दिया था। धर्मपरायण देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर की पुनर्स्थापना के साथ-साथ कई देवालय व धर्मशालाओं का निर्माण कराया। साथ ही मानव कल्याण की दिशा में तमाम ऐसे काम किए जिनकी वजह से वे लोकमाता के रूप में लोकप्रिय हुईं।

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केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह भी कहा कि पाल बघेल समाज एक सेवाभावी व मेहनतकश समाज है। इसी समाज में जन्मी माता अहिल्याबाई ने केवल अपने समाज ही नहीं अपितु सभी समाजों के कल्याण का काम किया। उनके द्वारा किए गए मानव कल्याण के काम सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।

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बीज एवं फॉर्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में गरीबों एवं शोषितों की भलाई के लिए काम किया। उनके द्वारा किए गए समाज कल्याण के काम हम सभी को सेवाभाव की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम में राधेलाल बघेल व  केशव सिंह बघेल सहित पाल-बघेल समाज के अन्य पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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