Gwalior News : शराबी पति से तंग पत्नी ने कराई 20 लाख की LIC पॉलिसी, खुद को बनाया नॉमिनी, रिश्तेदारों के साथ मिलकर की हत्या

जब रामधार ग्वालियर आया तो योजना के मुताबिक आरोपियों ने उसे खूब शराब पिलाई एवं शराब के नशे मे धुत्त होने के बाद आरोपी रामाधार को स्विफ्ट गाड़ी से घुमाते रहे एवं रास्ते में उसे और अधिक शराब पिलाते रहे। सूरज ढलने पर नरवर वाले रास्तों के जगंलो में ले जाकर गाड़ी में ही रामाधार का तोलिया से गला घोटकर हत्या कर दी। उसके बाद रात में ही रामधार के शव को चीनोर तरफ सड़क किनारे भौरी पुलिया से पास गाड़ी से निकाल कर फेंक दिया था।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने एक ऐसे अंधे क़त्ल का पर्दाफाश किया है जिसे रोड एक्सीडेंट की शक्ल दी गई थी, पुलिस ने जब कड़ियाँ जोड़ी तो जो बात निकलकर सामने आई उससे पति पत्नी का रिश्ता ही कलंकित हो गया, हत्या की मुख्य आरोपी पत्नी ही निकली उसने रिश्तेदारों के साथ मिलकर पति की हत्या का षड्यंत्र रचा, वो पति की शराब पीने की आदत से परेशान थी उसने पहले पति की 20 लाख रुपये की LIC पॉलिसी कराई उसमें खुद को नॉमिनी बनाया फिर पति की हत्या कर दी, पुलिस ने आरोपी पत्नी और उसके तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है एक आरोपी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।

हत्या को रोड एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश की 

ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि चीनौर थाना क्षेत्र में 4 अप्रैल को भौरी की पुलिया से पास सड़क किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था, प्रथम द्रष्टया ये रोड एक्सीडेंट दिखाई दे रहा था, मृतक की जेब की तलाशी ली तो उसका आधार कार्ड मिला जिससे अज्ञात शव की पहचान रामाधार पुत्र रामहेत जाटव निवासी सुसेरा थाना पुरानी छावनी के रुप मे हुई। पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाये और जाँच शुरू की । पुलिस ने जब जाँच शुरू की तो मालूम चला कि मृतक रामाधार शराब पीने का आदी था और इसी बात को लेकर उसका पत्नी से झगड़ा होता था, पूछताछ में पता चला कि कुछ दिन पहले ही पति पत्नी ने मृतक का पैत्रक मकान भी बेचा था और उससे में कुछ रुपये की बीमा पॉलिसी भी खरीदी थी।

पुलिस को पत्नी की भूमिका संदिग्ध लगी फिर हुआ षड्यंत्र का खुलासा 

पुलिस ने जब जाँच आगे बढ़ाई और इसमें टेक्नीकल एविडेंस जुटाए तो कुछ और लोगों के नाम भी सामने आये, पुलिस ने जब मृतक की पत्नी सीमा से कड़ाई दे पूछताछ की तो उसने बताया कि वे पति रामाधार के शराब पीने उसके रोकने टोकने से परेशान थी इसलिए उसने अपने जीजा के चचेरे भाई (रिश्ते के जीजा) सुरेन्द्र उर्फ़ छोटू जाटव व सुरेन्द्र का साढू नरेन्द्र जाटव तथा उनके दो दोस्त जितेन्द्र शाक्य और दिनेश जाटव के साथ मिलकर अपने पति रामाधार को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

20 लाख की पॉलिसी हड़पने चार रिश्तेदारों के साथ पति की हत्या की रची साजिश 

योजना के तहत इन लोगों में मिलकर मृतक रामाधार की 20 लाख रुपये की LIC पॉलिसी कराई गई जिसमें पत्नी सीमा को नॉमिनी बनाया गया जिससे रामाधार को मारने के बाद बीमा का जो पैसा मिलेगा उसे पांचों आपस में बाँट लेंगे, आरोपियों ने सीमा को बचाने के लिए उसे उसकी ननद के घर बागचीनी जिला मुरैना भेज दिया,  रामाधार जब पत्नी को छोड़कर 3 अप्रैल को वापस लौट रहा था पत्नी उसकी लोकेशन आरोपियों को बताती रही।

कार में गला दबाकर हत्या की, शव को सड़क पर फेंका, कार भी चढ़ाई   

जब रामधार ग्वालियर आया तो योजना के मुताबिक आरोपियों ने उसे खूब शराब पिलाई एवं शराब के नशे मे धुत्त होने के बाद आरोपी रामाधार को स्विफ्ट गाड़ी से घुमाते रहे एवं रास्ते में उसे और अधिक शराब पिलाते रहे। सूरज ढलने पर नरवर वाले रास्तों के जगंलो में ले जाकर गाड़ी में ही रामाधार का तोलिया से गला घोटकर हत्या कर दी। उसके बाद रात में ही रामधार के शव को चीनोर तरफ सड़क किनारे भौरी पुलिया से पास गाड़ी से निकाल कर फेंक दिया था। बीमा की पॉलिसी के रुपये निकालने हेतु एक्सीडेंट का रुप देना था इसलिये चारों आरोपियों ने रामाधार के ऊपर गाड़ी भी चढाई जिससे पुलिस को मौत एक रोड़ एक्सीडेंट की तरह लगे और बीमा पॉलिसी का क्लेम लेने में कोई दिक्कत ना हो।

पुलिस LIC एजेंट की भूमिका की भी करेगी जाँच 

एसपी धर्मवीर ने बताया कि इस हत्या का खुलासा करना चुनौतीपूर्ण था लेकिन  चीनौर पुलिस और हमरी टेक्नीकल टीम ने अच्छा काम कर आरोपियों चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया एक आरोपी जितेन्द्र फरार है जिसे भी जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा, एसपी का कहना है कि इसमें जिस एजेंट ने कुछ दिन पहले ही पॉलिसी की थी उसकी भूमिका की भी जाँच की जाएगी, उन्होंने शुरुआती जाँच में अवैध सम्बन्धों वाले एंगल से इंकार किया है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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