Gwalior News : किन्नर की हत्या के लिए 5 लाख रुपये की सुपारी देने वाली किन्नर गिरफ्तार, पुलिस ने घोषित किया था 5 हजार का इनाम

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि घटना के बाद पलक किन्नर फरार थी उसका पता लगाने के लिए एक टीम मनाली भी भेजी थी लेकिन उसे मुखबिर की सूचना पर मुरैना जिले से गिरफ्तार कर लिया है वो एक जगह छिपी हुई थी।

Atul Saxena
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Gwalior News : किन्नरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई होना कई बार सुना है लेकिन इसके लिए यदि किन्नर एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाएँ और हत्या के लिए सुपारी दे दें तो मामला गंभीर हो जाता है, ग्वालियर में एक ऐसा मामला पिछले दिनों सामने आया था पुलिस ने सुपारी देने वाली पलक किन्नर को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस ने किन्नर पर 5 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था।

वर्चस्व की लड़ाई में किन्नर ने दी किन्नर की हत्या की सुपारी 

ग्वालियर में पलक किन्नर और सोनम किन्नर के बीच वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है, दोनों में बधाई मांगने वाले इलाकों को लेकर कई बार विवाद हुआ, सोनम किन्नर की हत्या करने के लिये पलक किन्नर ने 5 लाख रुपये की सुपारी अपने साथी बाउंसर कालू यादव को दी थी, बाउंसर कालू यादव के द्वारा अपने साथी विजय भदौरिया, राज बाथम, केशव यादव आदि के साथ मिलकर 18 मई को संदीप स्कूल के पास इंदिरा  नगर चार शहर का नाका हजीरा पर सोनम किन्नर को जान से मारने की नीयत से फायर किया था।

तीन आरोपी पहले ही हो चुके गिरफ्तार 

हजीरा थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी हजीरा को उक्त घटना में वांछित आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिये थे, पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए तीन आरोपियों को घटना में प्रयुक्त हथियार व मोटर साइकिल सहित गिरफ्तार किया था लेकिन हत्या की सुपारी देने वाली पलक किन्नर फरार हो गई थी, एसपी ने पलक किन्नर पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था, अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

5 हजार की इनामी किन्नर मुरैना से गिरफ्तार 

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि घटना के बाद पलक किन्नर फरार थी उसका पता लगाने के लिए एक टीम मनाली भी भेजी थी लेकिन उसे मुखबिर की सूचना पर मुरैना जिले से गिरफ्तार कर लिया है वो एक जगह छिपी हुई थी,  पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार पलक किन्नर से पूछताछ की जा रही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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