ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए ग्वालियर (Gwalior) में गिरफ्तार हुए पाकिस्तानी जासूस अब्बास अली उर्फ माजिद खान (Pakistani spy Abbas) 15 साल बाद अपने वतन लौटेगा। इंदरगंज थाना पुलिस ने इसे 2006 में नई सड़क से गिरफ्तार किया था ।पुलिस को इसके पास से सैन्य ठिकानों के नक्शे सहित 58 दस्तावेज मिले थे । इसकी सजा मार्च 2020 में पूरी हो गई थी लेकिन कोरोना के कारण ये पाकिस्तान नहीं जा पाया था।
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ग्वालियर के इंदर गंज थाना क्षेत्र के नई सड़क पर बुलंद शहर निवासी माधौ सिंह बनकर रहने वाले अब्बास अली उर्फ माजिद खान को इंदरगंज पुलिस (Gwalior Police) ने 13 मार्च 2006 को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके पास से पुलिस को सैन्य ठिकानों के नक्शे, सिम कार्ड , फर्जी वोटर कार्ड सहित करीब 58 दस्तावेज मिले थे। पूछताछ मे अब्बास अली ने बताया था कि वो ISI एजेंट फैयाज के कहने पर ग्वालियर में वायुसेना और थल सेना के ठिकानों की जासूसी करने आया था।
पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया था जहाँ हाईकोर्ट (Gwalior High court) ने अब्बास अली को 14 साल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सजा पूरी होने के बाद अब्बास को अटारी बॉर्डर छोड़ा जाए और यहाँ से पाकिस्तान भेजा जाए। 26 मार्च 2020 में अब्बास की सजा पूरी हो गई और उसे रिहा कर दिया गया लेकिन कोरोना के कारण वो पाकिस्तान नहीं जा सका। उसे जेल में बने डिटेंशन सेंटर मे रख गया था।
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अब्बास ने भी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाकर उसे पाकिस्तान भिजवाने का निवेदन किया था। इस बीच विदेश मंत्रालय से अब्बास की पाकिस्तान जाने की प्रक्रिया पूरी हो गई और उसे जेल से ग्वालियर पुलिस के सुपुर्द किया गया । ग्वालियर सेंट्रल जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच ग्वालियर पुलिस अब्बास को लेकर अटारी बॉर्डर रवाना हो गई है। वहाँ से इसे पाकिस्तान भेजा जायेगा।