जनाज़े में भीड़ का मामला पहुंचा पुलिस के पास, इनके खिलाफ हुई FIR

ग्वालियर । शहर काज़ी अब्दुल हमीद कादरी (qazi abdul hameed qadri) के जनाज़े में जुटी जबरदस्त भीड़ का मामला पुलिस तक पहुँच गया है।ग्वालियर तहसीलदार (Gwalior Tehsildar) की शिकायत पर पुलिस ने शहर काजी के दोनों बेटों और अन्य के खिलाफ दंडात्मक आदेश के उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है।

शनिवार को शहर काज़ी अब्दुल हमीद कादरी के इंतकाल के बाद जब उनका जनाज़ा निकला तो उसमें करीब एक से डेढ़ हजार लोग शामिल हुए। किसी ने कोरोना महामारी (COVID-19) की गाइड लाइन का पालन नहीं किया और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसे अहम नियम का उल्लंघन किया। इसके बाद शहर में एक बहस छेड़ गई। । अखबारों और सोशल मीडिया पर जनाज़े के साथ चल रही भीड़ की तस्वीर जब लोगों ने देखी तो दंग रह गए। लोगों ने अपने अपने तरीके से इसकी शिकायत की और विरोध किया। बढ़ते विरोध के बाद जिला प्रशासन ने लश्कर तहसीलदार को नोटिस थमा दिया। उधर तहसीलदार ने माधौगंज थाने में मरहूम शहर काज़ी अब्दुल हमीद कादरी के बेटे अब्दुल अजीज कादरी और अब्दुल समद कादरी(Abdul Aziz Qadri and Abdul Samad Qadri) के खिलाफ धारा 188,269,270 के तहत आदेशात्मक उल्लंघन का मामला दर्ज करा दिया। शिकायत में तहसीलदार आर एन खरे ने कहा कि मौके पर राजस्व निरीक्षक महेंद्र यादव और पटवारी धर्मेंद्र शर्मा ने कई बार सोशल डिस्टेंसिंग के लिये टोका लेकिन किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया ।

गौरतलब है कि 35 साल तक शहर काज़ी की पदवी संभालने वाले जनाब अब्दुल हमीद कादरी का शनिवार जो इंतकाल हो गया। उन्हें शनिवार शाम को एबी रोड स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। सिंधिया परिवार और कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने और कई राजनैतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों वाले पद पर रहने के कारण उनके निधन पर शोक संवेदनाएं देने वालों की भीड़ लग गई। जब उनका जनाज़ा उनके घर माधौगंज चौराहे से महाराज बाड़ा होते हुए निकला तो उसमें सेंकड़ों लोग इकट्ठा हो गए और जब जनाज़ा एबी रोड, नेहरू पेट्रोल पंप के पास स्थित कब्रिस्तान पहुंचा तो लोगों का दावा है कि संख्या एक हजार को पार कर गई। जनाज़े में शामिल लोग मुँह पर मास्क तो पहने थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की खुलकर धज्जियां उड़ी। खास बात ये रही कि जनाज़े में शामिल होने ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक सहित कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक दलों से जुड़े जन प्रतिनिधि पहुंचे लेकिन किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का पालन नहीं कराया। सबसे खास बात जहाँ से जनाज़ा उठा और जहाँ दफन किया गया वहाँ तक दो थाना क्षेत्र की सीमाएं हैं, पुलिस भी सुरक्षा के लिए लगी रही लेकिन उसने भी नियम का पालन कराना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा। जब जनाज़े की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हुई और अखबारों में छपी, टीवी पर दिखी तो बहस छिड़ गई कि कोरोना जैसी महामारी में लोग कैसे लापरवाह हो सकते हैं। कैसे दूसरों को संकट में डाल सकते हैं। लोगों ने अपने अपने तरीके से विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध के बाद कल तक चुप रहने वाले जिला प्रशासन ने आज क्षेत्रीय तहसीलदार को नोटिस थमा दिया।

लश्कर तहसीलदार को थमाया कारण बताओ नोटिस

अपर कलेक्टर किशोर कान्याल ने लश्कर क्षेत्र के तहसीलदार आर एन खरे को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए लिखा कि कोरोना संक्रमण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न कराने तथा अधिक संख्या में लोग एकत्र होने पर कोई व्यवस्था न कराने के आरोप में आपको कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। अपर कलेक्टर किशोर कन्याल ने तहसीलदार आर एन खरे को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए कहा है कि सम्पूर्ण लश्कर से नेहरू पेट्रोल पम्प के पास कब्रिस्तान में एक हजार 500 से अधिक लोग एकत्रित हुए। यह संज्ञान में आया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण पर भी आपने सोशल डिस्टेसिंग के संबंध में कोई व्यवस्था नहीं की। जिस कारण जनाज़े के दौरान एकत्रित भीड़ पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाया। आपके द्वारा पदीय दायित्वों के संबंध में लापरवाह होकर शिथिलता प्रदर्शित की गई है। इसके कारण महामारी के प्रभाव को रोके जाने तथा प्रभावी नियंत्रण न होने के कारण अप्रिय स्थिति निर्मित होने की प्रबल संभावना निर्मित हुई है। पदीय दायित्वों के संबंध में आपके द्वारा उक्त कृत्य मध्यप्रदेश आचरण नियम 1965 का उल्लंघन होकर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के विपरीत दर्शित होने की दशा में कर्तव्य विमुख आचरण का परिचायक है। उन्होंने अपने कारण बताओ सूचना पत्र में श्री खरे को तत्काल समक्ष में उपस्थित होकर सह आधार उत्तर प्रस्तुत करने को कहा है। उत्तर प्रस्तुत न होने पर यह माना जायेगा कि संबंधित को अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है। ऐसी स्थिति में एक पक्षीय निर्णय लिया जाकर कार्रवाई संस्थित की जायेगी।

क्या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जनता का दायित्व नहीं

कोरोना महामारी से बचाव के लिये सबसे महत्वपूर्ण नियम सोशल डिस्टेंसिंग बताया गया है लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या इसका पालन कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है, क्या जन प्रतिनिधि, समाज के लोग और शहर वासी खुद अपने स्वास्थ्य के लिये इस नियम का पालन नहीं कर सकते। पिछले कुछ दिनों से ये लगातार देखा जा रहा है कि नेताओं के यहाँ भीड़ जुट रही है,राजनैतिक और सामाजिक आयोजन हो रहे हैं लेकिन इनमें से अधिकांश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा और फिर शनिवार को सार्वजनिक तौर पर जनाज़े में जिस अंदाज में भीड़ ने जुटकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई उसने नियमों का पालन करने वाले लोगों के होश उड़ा दिये हैं। बहरहाल एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ भी आपसे अपील करता है कि कोरोना से बचाव के लिये शासन द्वारा बनाई गई गाइड लाइन का पालन करें, खुद सुरक्षित रहे और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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