ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा ने लगातार चौथी बार कब्ज़ा कर ये सन्देश दे दिया कि ये भाजपा का गढ़ है इसके साथ ही इस बार की जीत ने 39 साल बाद फिर इतिहास को दोहरा दिया। 39 साल पहले इस सीट से जो दो प्रत्याशी आमने सामने थे उनमें भी शेजवलकर ही जीते थे और इन बार भी जब तब के प्रत्याशियों के पुत्र आमने सामने आये तब भी शेजवलकर की ही जीत हुई और सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा।
ग्वालियर की जनता ने 2007,2009, 2014 और अब 2019 में लगातार भाजपा प्रत्याशी को संसद पहुंचाया। इस बार भाजपा के विवेक नारायण शेजवलकर ने कांग्रेस के अशोक सिंह को 1 लाख 46 हजार 842 वोटों से पराजित कर दिया। शेजवलकर को 6 लाख 27 हजार 250 वोट मिले और अशोक सिंह को 4 लाख 80 हजार 408 वोट मिले। ये भी एक संयोग है कि शहर के राजनीतिक घरानों की दो पीढियां 39 साल बाद आमने सामने चुनाव लड़ी लेकिन परिणाम वही रहा जो पहले था यानि इस बार भी जीत शेजवलकर की ही हुई। गौरतलब है कि1980 में जनता पार्टी से विवेक शेजवलकर के पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर और अशोक सिंह के पिता राजेन्द्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। जिसमें नारायण कृष्ण शेजवलकर ने राजेन्द्र सिंह को 25 हजार 480 वोटो से हराया था।
महापौर पद छोड़ने आज विधिक राय लेंगे विवेक
ग्वालियर से सांसद चुने गए विवेक शेजवलकर वर्तमान में ग्वालियर के महापौर भी हैं । अब नियमानुसार उन्हें महापौर पद से इस्तीफा देना होगा। इसके लिए वे आज शुक्रवार को विधिक राय लेंगे और विधि विशेषज्ञों द्वारा पद छोड़ने के लिए जो अवधि बताई जाएगी उस अवधि में महापौर पद छोड़ देंगे। यहाँ बता दें कि नवम्बर में महापौर और पार्षदों के लिए निर्वाचन होना है।