ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
कोरोना महामारी से पूरा देश भले ही जूझ रहा हो लेकिन इस बीमारी से संकृमित व्यक्ति के सबसे नजदीक इसका इलाज करने वाले डॉक्टर्स हैं जिन्हें अब अपने स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। यही कारण है कि अब बुजुर्ग डॉक्टर नौकरी से तौबा करने लगे है। तीन बुजुर्ग डॉक्टर्स ने नौकरी से अलग होने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन दिया है।
कोरोना महामारी का प्रभाव तेजी से मध्यप्रदेश में भी दिखने लगा है लेकिन अच्छी बात ये है ग्वालियर की स्थिति दूसरी जगह की तुलना में बहुत बेहतर है। बावजूद इसके जिला प्रशासन लगातार सतर्कता बरत रहा है। यहाँ रोज संदिग्ध व्यक्तियों के सेम्पल लिए जा रहे हैं और उन्हें जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए क्वारेंटाईन सेंटर्स में भर्ती किया जा रहा है जहाँ डॉक्टर्स इनकी देखभाल कर रहे हैं। चूंकि कोरोना का प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखा जा रहा है इसलिए जिले में पदस्थ बुजुर्ग डॉक्टर्स अब नौकरी छोड़ने का मन बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर पदस्थ डॉक्टर्स ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवेदन देकर नौकरी का अनुबंध खत्म करने का अनुरोध किया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुरावली में पदस्थ डॉ ओम प्रकाश शिवहरे, एमआईटीइस कैंपस गोला का मंदिर में पदस्थ डॉ जेसी शर्मा और डॉ जेपी गोयल ने CMHO को आवेदन देकर नौकरी छोड़ने का निवेदन किया है। हालांकि अपने आवेदन में डॉ शिवहरे और डॉ शर्मा ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है वहीं डॉ गोयल ने पारिवारिक कारण बताया है।
जिला प्रशासन को मिले 32 नये इंटर्न चिकित्सक
कोरोना महामारी को देखते हुए डॉक्टर्स की उपलब्धता बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से MBBS पूरा करने वाले 32 डॉक्टर्स की सेवाएं ली हैं। ये डॉक्टर्स इंटर्न के रूप में कोरोना से लड़ाई में जिला प्रशासन का साथ दे रहे हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने इस सभी नये महिला पुरुष डॉक्टर्स से बात की और उनके सहयोग के लिए उन्हें बधाई दी। सभी नये डॉक्टर्स को कोरोना से बचाव की ट्रेनिंग देकर स्मार्ट सिटी कंपनी के कंट्रोल कमांड सेंटर में तैनात किया गया है। ये डॉक्टर्स यहाँ लोगों को कोरोना से बचाव की सलाह दे रहे हैं साथ ही उपचार भी बता रहे हैं।
JAH से बिना सूचना किए 15 कर्मचारी गायब, नोटिस जारी
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते डॉक्टर्स सहित मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई है बावजूद इसके कोरोना के भय के चलते जयारोग्य अस्पताल समूह में पदस्थ 15 कर्मचारी बिना सूचना के गायब हैं। अधीक्षक डॉ अशोक मिश्रा के मुताबिक इन गायब कर्मचारियों को जॉब पर वापस लौटने के लिए नोटिस दिये गए हैं और यदि ये नहीं लौटते तो इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जायेगी । इससे अलग जयारोग्य अस्पताल समूह में बहुत से डॉक्टर्स ऐसे हैं जिन्होंने अस्पताल में सेवाएं देने के कारण अपने परिवार से दूरी बना ली है और वे घर नहीं जा रहे।