कोरोना काल में आपसी सहयोग से गरीबों के चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना जैसी महामारी ने गरीबों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। इसी के मद्देनजर ग्वालियर के कुछ इलाकों में हेल्पिंग हट संस्था की टीम आगे आई। उन्होंने गरीब और असहाय परिवारों को उचित दूरी बनाते हुए पुराने कपड़े वितरित किए। इनका कहना है कि जरूरतमंद गरीब परिवारों की मदद करना और उनकी अंधेरी दुनिया को रोशन करना हमारा कर्तव्य है। इससे ना केवल उन्हें खुशी मिलेगी बल्कि हम भी किसी की मदद करके खुश रहेंगे। अपने घर के पुराने कपड़े कम्बल आदि दान कर हम उन जरूरतमंदों को दीपावली पर खुशियों का तोहफा दे सकते है। हमारा ये छोटा सा कदम उनकी दीपावली को खास बना सकता है।

हेल्पिंग हट संस्था कुछ कॉलेज के छात्रों द्वारा गरीबों और असहायों की मदद करने के उद्देश्य से इसी वर्ष बनाई गई है। यह संस्था पिछले कुछ महीनों से निरन्तर गरीब बच्चों को शिक्षा से सम्बंधित सामग्रियाँ भी मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। इस संस्था द्वारा उठाया गया ये कदम सराहनीय है। इन्होने लोगों से अपील की है कि वो अपने घरों से निकलने वाले सामान ना फेंके, ना बेचें बल्कि उसे किसी असहाय को दान दे दें ताकि उसका सही उपयोग हो सके।  गरीब परिवारों के लिए पुराने कपड़े, खिलौने, साड़ी, चुड़ियां, लंच बॉक्स, बैग, पुरानी किताब जैसी चीजें बेहद काम आ सकती हैं। ये एक छोटी सी कोशिश हर असहाय के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। संस्था के संस्थापक राघवेन्द्र सहित टीम सदस्य हर्ष, विकास, नीलेश, अभिनय, साहिल, आदि एनजीओ के वॉलंटियर्स ने लोगों से गरीबों की मदद करने की अपील की है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।