ग्वालियर। श्योपुर जिले में 2016 में कुपोषण से हुई 119 बच्चों की मौत के मामले में शासन ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंप दी । लेकिन हाईकोर्ट ने रिपोर्ट देखने के बाद अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। अधिकारियों को फटकार लगते हुए जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिविजन बेंच ने कहा कि आये दिन अख़बारों में ख़बरें प्रकाशित होती हैं जिसमें बढ़ते कुपोषण और उससे हो रही मौतों की जानकारी होती है जबकि शासन ने जो रिपोर्ट सौंपी है वो इससे बिलकुल उलट है। ऐसा लगता है कि जैसे अधिकारी बिना तथ्यों को जांचे परखे ही रिपोर्ट तैयार करते हैं। कोर्ट ने आदेश दिया कि मामला गंभीर है इसलिए 24 जुलाई को स्वास्थ्य आयुक्त स्वयं उपस्थित होकर कोर्ट को बताएं कि कुपोषण दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने क्या कदम उठाये हैं ?
गौरतलब है कि एडवोकेट इसके शर्मा ने 2016 में श्योपुर जिले में कुपोषण से हुई 119 बच्चों की मौत के मामले। में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कुपोषण मिटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं करवा पाते इसलिए मुख्य सचिव और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद हाईकोर्ट ने शासन से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। शासन ने जो रिपोर्ट पेश की उसपर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई जिसे कोर्ट ने भी सही माना और शासन से फिर से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। इअ बार भी जो रिपोर्ट शासन ने पेश की है उसपर भी कोरी संतुष्ट नहीं है इसलिए कोर्ट ने स्वास्थ्य आयुक्त को तलब किया है। मामले। की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।