ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
गैंगस्टर विकास दुबे का भले ही सीधा कनेक्शन ग्वालियर से नहीं मिला लेकिन उसके साथी ग्वालियर में दो दिन तक छिपे रहे। कानपुर पुलिस ने विकास के साथियों को शरण देने वाले दो आरोपियों को ग्वालियर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कानपुर के बकरु गाँव में आठ पुलिस वालों को मारकर अचानक चर्चा में आया कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को शुक्रवार को कानपुर पुलिस ने उज्जैन से कानपुर ले जाते समय भागने के दौरान मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाली विकास की गैंग के कई गुर्गे कानपुर पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराए हैं और कई अभी फरार हैं जिनकी तलाश अभी जारी है। पुलिस इनके शरण दाताओं को तलाश कर रही है।
उधर कानपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि विकास के कुछ साथी ग्वालियर में छिपे हैं। सूचना की तस्दीक के बाद पुलिस को मालूम चला कि विकास का साथी शशिकांत पांडे उर्फ़ सोनू और शिवम दुबे ग्वालियर में छिपे हैं। पुलिस ने जब मुखबिर दौड़ाये तो उसे पता चला कि ग्वालियर के भगत सिंह नगर में रहने वाले ओमप्रकाश पांडे और सागर ताल के पास बनी सरकारी मल्टी निवासी अनिल पांडे ने अपने यहाँ दो दिन शरण दी। सूचना पक्की होने के बाद कानपुर पुलिस गुरुवार को ग्वालियर आई और ओमप्रकाश पांडे और अनिल पांडे को अपराधियों को शरण देने की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया। एडीजीपी एवं ग्वालियर आईजी राजाबाबू सिंह ने गिरफ्तारी की तस्दीक करते हुए एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि कानपुर पुलिस ग्वालियर आई थी और दोनों आरोपियों को पकड़कर ले गई है और उन्हें जेल भेज दिया है।