ग्वालियर/अतुल सक्सेना
गलवान घाटी में 20 जवानों के शहीद होने और देश की सीमा पर चीन द्वारा लगातार हरकत करने के बाद से देश के लोगों का गुस्सा उफान पर है। जनता द्वारा चीन में बने सामान के बहिष्कार और सरकार द्वारा 59 चीनी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब हाई कोर्ट भी सामने आया है। हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में दो आरोपियों को सशर्त जमानत का लाभ दिया है लेकिन जो शर्त रखी गई है वो एक मिसाल है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपी मुरार जिला अस्पताल के रैनबसेरा में एक एलईडी टीवी लगवाएं लेकिन वह चीन में बने हुए नहीं होने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आरोपी टीवी की फोटो हाईकोर्ट की रजिस्ट्री शाखा में पेश करें तो उनकी जमानत स्वीकार कर ली जाएगी।
दरअसल दतिया जिले के बड़ौनी थाना क्षेत्र में अरविंद पटेल और कमलेश के खिलाफ गाली गलौज और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ था। वह 18 फरवरी 2020 से ही जेल में है लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इन दिनों कोविड-19 के दौर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई चल रही है । न्यायमूर्ति शील नागू ने कमलेश और अरविंद को जमानत का लाभ दिया है लेकिन उन्हें मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में 25000 रुपये कीमत का एलईडी टीवी दो सप्ताह में लगाने के निर्देश दिए हैं । कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया हैं कि टीवी चाइना मेड नहीं होना चाहिए, ये किसी अन्य देश में निर्मित हो सकता है। गौरतलब है कि ग्वालियर हाईकोर्ट इससे पहले कोरोना वारियर के रूप में काम करने, पेड़ पौधे लगाने और समाज सेवा करने की शर्त पर लोगों को जमानत का लाभ देता रहा है।