हिंदी दिवस : “हिंदी भारत माँ की बिंदी”, स्कूली छात्राओं ने दी आकर्षक प्रस्तुति

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया था कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने की लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। दस्तावेजों में संवैधानिक रूप से भले ही हिंदी राजभाषा है राष्ट्रभाषा नहीं। लेकिन देश के हर नागरिक के दिल पर राज करने वाली हिंदी देशवासियों के लिए राष्ट्रभाषा का दर्जा रखती है। इस दिन हिंदी से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। दशकों से चली आ रही इस परंपरा को कुछ स्कूलों ने लॉक डाउन में भी जारी रखा और स्कूली छात्राओं ने “हिंदी भारत माँ की बिंदी” की प्रस्तुति देकर भारत माँ और हिंदी का मान बढ़ाया।

लॉक डाउन में भले ही स्कूल बंद हैं लेकिन हिंदी की आन बान और शान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए ग्वालियर के लिटिल एंजिल हाई स्कूल ने अपनी तीन छात्राओं के माध्यम से हिंदी को ना सिर्फ याद किया बल्कि एक शानदार प्रस्तुति की मदद से उसे भारत माँ की बिंदी भी बताया। पेरेंट्स की सहमति से स्कूल प्रबंधन ने शहर के ऐतिहासिक स्थल पर भरतनाट्यम् शैली में तीन छात्राओं द्वारा इसे प्रस्तुत किया। खास बात ये है कि इस प्रस्तुति में भी भारत की गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली। स्कूली छात्राओं सुजैन खान, स्मृति माखीजा और साक्षी माखीजा की ये प्रस्तुति इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसे देखने वाले लोग इसकी प्रशंसा कर रहे हैं और लॉक डाउन में स्कूल प्रबंधन एवं छात्राओं के हिंदी के प्रति समर्पण की तारीफ कर रहे हैं। बहरहाल बहुत से लोग आज हिंदी की दुर्दशा की बात करते हैं लेकिन खुद कभी इसे सहेजने की तरफ एक कदम नहीं बढ़ाते। यदि इसी तरह के छोटे छोटे प्रयास होते रहे और नई पीढ़ी हिंदी के महत्व को समझती रहे तो एक दिन हिंदी घोषित रूप से राष्ट्रभाषा बनकर रहेगी।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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