ग्वालियर। मासूम रोशनी की मौत के बाद भी नगर निगम प्रशासन कुत्तों के आतंक से शहर के लोगों को निजात नहीं दिला पा रहा है । कुत्ते ने फिर एक मासूम को शिकार बनाया है। मासूम गजर के बाहर खेल रही थी तभी पड़ोसी के कुत्ते ने हमला कर दिया। उधर एक ही दिन में कुत्ते काटने के 25 पीड़ित इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे लेकिन नगर निगम अब तक केवल 14 आवारा कुत्ते ही पकड़ पाई है।
मुरार में कुत्ते के काटने से हुई चार साल की मासूम रोशनी की मौत के बाद कलेक्टर अनुराग चौधरी ने नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को आवारा कुत्तों को पकड़ने के निर्देश दिए थे। लेकिन नगर निगम इसे गंभीरता से लेता उससे पहले ही एक और कुत्ते ने एक मासूम पर हमला कर दिया । घटना जनकगंज थाना क्षेत्र के तारागंज की है। यहाँ एडवोकेट प्रकाश पाल की 6 साल की बेटी मलिश्का घर के बाहर शाम के समय खेल रही थी तभी पड़ोस में रहने वाले राम कुशवाह का कुत्ता आय और बच्ची पर झपट पड़ा। बच्ची के चीखने की आवाज जब मां ने सुनी तो वो दौड़कर बाहर आई। कुत्ता बच्ची को घसीटकर ले जा रहा था। उन्होंने बहुत मुश्किल से मलिश्का को कुत्ते से छुड़ाया। और अस्पताल लेकर भागे। बाद में एडवोकेट प्रकाश पाल ने जनकगंज थाने में कुत्ते के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है।
एक दिन में 25 लोग अस्पताल पहुंचे,निगम ने पकडे सिर्फ 14 कुत्ते
शहर में इन दिनों जिधर जाओ आवारा कुत्तों की फ़ौज दिखाई देती है। जो तेज गर्मी के मौसम में हिंसात्मक हो रहे है जिसका प्रमाण ये है कि केवल गुरूवार को ही जयारोग्य अस्पताल की माधव डिस्पेंसरी के पीएसएम विभाग में 25 ल9ग कुत्ते के काटने की शिकायत लेकर पहुंचे। उधर कलेक्टर के आदेश के बावजूद गुरुवार को नगर निगम केवल 14 आवारा कुत्ते ही पकड़ पाई। गौरतलब है कि आवारा कुत्ते पकड़कर उनकी नसबंदी कर कुत्तों की आबादी पर रोक लगाने वाली संस्था तिरुपति फाउन्डेशन यहाँ काम करती है लेकिन वो अपने काम के प्रति कितनी गंभीर है ये आवारा कुत्तों की बढती संख्या से पता चलता है।