ग्वालियर। अतुल सक्सेना| लॉक डाउन में जिला प्रशासन ने जिले में सभी तरह की वसूली पर रोक लगा दी है | लेकिन नगर निगम पर इसका असर होता दिखाई नहीं दे रहा। निगम के बाजार वसूली ठेकेदार के आदमी ठेले वालों से वसूली कर रहे हैं और बाकायदा इसकी रसीद भी दे रहे हैं। हालांकि ठेकेदार ने वसूली कराने से इंकार किया है | उधर निगम प्रशासक ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 3 मई तक लॉक डाउन घोषित है। शहर के लोग घरों में हैं , बाजार बंद हैं। वहीं प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत के बीच ठेले वाले फल और सब्जियां घरों तक पहुंचा रहे हैं। लॉक डाउन का पालन करते हुए ये सब्जी और फल विक्रेता निर्धारित अवधि में ही सामान बेच रहे हैं लेकिन नगर निगम के बाजार वसूली ठेकेदार इनसे अवैध वसूली में जुटे हैं। गौरतलब है कि लॉक डाउन घोषित होने के बाद जिला प्रशासन ने जिले में सभी तरह की वसूली बंद करने के आदेश दिये है बावजूद इसके नगर निगम की वसूली जारी है। बाजार वसूली ठेकेदार के आदमी ठेले वालों से वसूली कर रहे हैं और बाकायदा इसकी 10 रुपये वाली रसीद भी दे रहे हैं कई जगह तो ये दबंग 10 की जगह 20 रुपये भी वसूल रहे हैं। 14 अप्रैल की दो रसीदें एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को मिली हैं इनमें से एक शिंदे की छावनी तो दूसरी जनकगंज क्षेत्र में ठेले वालों को दी गई और वसूली की गई।
31 मार्च को अधिकृत तौर पर खत्म हो चुकी है बाजार वसूली ठेका अवधि
ग्वालियर शहर में लश्कर, ग्वालियर और मुरार में कुल 5000 ठेले हैं जिनसे नगर निगम वसूली करता है। अक्टूबर 2019 में नगर निगम ने बाजार वसूली का ठेका 31 मार्च 2020तक के लिए दिया था। इसमें लश्कर का ठेका 67 लाख रुपये और ग्वालियर का ठेका 30 लाख रुपये में हुआ था जबकि मुरार की वसूली निगम के कर्मचारी कर रहे थे। अवैध वसूली के सवाल पर बाजार वसूली ठेकेदार जीतेंद्र जादौन ने कहा कि हमने 22 मार्च को लॉक डाउन घोषित होते ही बाजार वसूली बंद कर दी थी। और फिर हमारा ठेका तो 31 मार्च को ही खत्म हो गया। हो सकता है कोई हमारे नाम से अवैध वसूली कर रहा हो, यदि ऐसा है तो मैं पता लगाता हूँ। उधर नगर निगम प्रशासक संभाग आयुक्त एमबी ओझा से जब इस अवैध वसूली के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने आश्चर्य जताते हुए इसे अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में सभी तरह की वसूली पर रोक है। और यदि कोई ऐसा कर रहा है तो इसकी जांच कराई जायेगी और यदि जरूरी हुआ तो FIR भी कराएंगे। बहरहाल अब देखना ये है कि लॉक डाउन में 14 अप्रैल को ठेले वालों को रसीद देकर अवैध वसूली करने वाले कर्मचारियों पर निगम प्रशासक क्या कार्रवाई करते हैं।