किसानों के लिए जरूरी खबर, स्लॉट बुकिंग के लिए एक दिन शेष, वरना गेहूं उपार्जन में होगी परेशानी

बता दें गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये है मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इसपर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। इस तरह से गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है।

Wheat Procurement: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ये जरूरी खबर है, प्रदेश में इन दिनों  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है, जिन किसानों ने पंजीयन कराया है उनके लिए स्लॉट बुकिंग की कल बुधवार 30 अप्रैल को अंतिम तारीख है यदि किसानों ने अभी तक स्लॉट बुक नहीं किया है तो करा लें वर्ना उनका गेहूं सरकार नहीं खरीदेगी।

मध्य प्रदेश में MSP पर गेहूं उपार्जन जारी है, प्रदेश के गेहू उत्पादक सभी जिलों के किसान उपार्जन केंद्रों पर पहुंचकर बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच रहे हैं, अभी तक करीब 56 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं सरकार खरीद चुकी है और किसानों को लगभग 4000 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर चुकी है।

30 अप्रैल के बाद नहीं होगी स्लॉट बुकिंग

गेहूं उपार्जन की प्रक्रिया जारी है जो 5 मई तक चलेगी लेकिन इसके लिए स्लॉट बुकिंग की अंतिम तारीख 30 अप्रैल है यानि जिन पंजीकृत किसानों ने अभी तक स्लॉट बुक नहीं किया है उनके पास अब इस काम के लिए केवल एक दिन यानि बुधवार 30 अप्रैल का दिन ही बचा है इसके बाद उनका स्लॉट बुक नहीं होगा और वो अपना गेहूं बेचने से वंचित रह जायेंगे।

 मोबाइल से घर बैठे हो सकती है स्लॉट बुकिंग         

स्लॉट बुकिंग एक आसान प्रक्रिया है,  किसान अपने मोबाइल फोन से भी सुविधानुसार खरीदी केन्द्र व तारीख का चयन कर 30 अप्रैल तक स्लॉट बुक करा सकते हैं। यदि पंजीकृत किसानों ने स्लॉट बुक नहीं कराया तो वे समर्थन मूल्य पर अपना गेहूँ नहीं बेच पायेंगे। राज्य शासन द्वारा गेहूं के उपार्जन के लिये 5 मई अंतिम तिथि निर्धारित की है।

ग्वालियर में इतना गेहूं सरकार खरीद चुकी 

ग्वालियर में भी गेहूं उपार्जन प्रक्रिया जारी है जिला आपूर्ति नियंत्रक विपिन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये 41 केन्द्र स्थापित किए गए हैं। अभी तक 6 हजार 869 स्लॉट बुक हुए हैं। जिले में अब तक 41 उपार्जन केन्द्रों पर 3 हजार 753 किसानों से 4 लाख 96 हजार 264 क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी है। किसानों के खातों में जिले में अब तक लगभग 71 करोड़ 13 लाख 86 हजार रुपये की राशि पहुँचाई जा चुकी है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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