ग्वालियर। शहर में बढ़ते बिजली संकट का हल निकालने के लिए बिजली कम्पनी के अफसरों के साथ साथ प्रशासनिक अफसर भी कई बार प्रयास कर चुके हैं लेकिन ये प्रयास अब तक सफल नहीं हो सके हैं। जिसके चलते उन्हें फटकार खानी पड़ती है। ऐसा ही एक बार फिर हुआ। जब बिजली संकट पर बुलाई बैठक में प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अफसरों को फटकार लगाते हुए बिजली संकट दूर करने के लिए तत्काल कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए।
पिछले कुछ समय से शहर में जारी बिजली कटौती संकट बन चुकी है जिसके चलते शहर के लोगों के साथ साथ प्रशासनिक अफसर भी परेशान हैं। बिजली संकट को हल करने के लिए वे लगातार बैठकें भी कर रहे हैं। ऐसी ही एक बैठक प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कलेक्ट्रेट सभागार में की। बैठक में उन्होंने बिजली कम्पनी के अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि जितना जल्दी हो सके बिजली कटौती के संकट से शहर को निजात दिलाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए बिजली कम्पनी के सभी जोन पर कंट्रोल रूम बनाये जाएँ साथ ही लश्कर ,ग्वालियर और मुरार तीनों जगह SDM कार्यालयों में भी कंट्रोल रूम बनाये जाएँ। यहाँ पर शिकायते ली जाएं और उनका तत्काल निपटारा किया जाये। इन कंट्रोल रूम में बिजली कम्पनी के सब इंजीनियर और राजस्व विभाग के अधिकारी तैनात किये जाएं। और इसकी निगरानी बिजली कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारी और SDM खुद करें ।
कलेक्टर को जवाब नहीं दे पाए अफसर
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने भी बिजली कम्पनी के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने जब मेंटेनेंस के अलावा अघोषित कटौती के बारे में सवाल किया तो बिजली कम्पनी के महाप्रंधक अक्षय खरे ने बताया कि मेंटेनेंस शहर के 10 प्रतिशत से भी कम क्षेत्र में किया जा रहा है । बिजली कम्पनी के सबसे वरिष्ठ अधिकारी का जवाब सुनने के बाद कलेक्टर ने जब ये पूछा कि फिर शहर के अधिकांश हिस्सों से बिजली कटौती की शिकायत क्यों आ रहीं है? तो इसका अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए और चुप्पी साध गए। कलेक्टर श्री चौधरी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अब मेंटेनेंस सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही किया जाये। और जहाँ भी मेंटेनेंस किया जाये उस जगह की जानकारी समाचार पत्रों के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर की जाये।