Janmashtami 2023 : 100 करोड़ रुपये के रियासतकालीन गहनों से सजे श्री राधा-कृष्ण, गोपाल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला
जिन बेशकीमती गहनों से भगवान का श्रंगार किया जाता है उन्हें आज थ्री लेयर सुरक्षा के साथ बैंक के लॉकर से नगर निगम के अधिकारियों ने निकाला, मंदिर में पहुंचकर इसके लिए गठित कमेटी के सदस्यों ने लिस्ट से गहनों का मिलान किया और फिर उनकी सफाई के बाद उन गहनों से भगवान श्री राधा कृष्ण का श्रंगार किया गया ।
Janmashtami 2023 : साल में एक बार जन्माष्टमी के अवसर पर गोपाल मंदिर में बिराजे भगवान श्री राधा-कृष्ण का आकर्षक और मनोहारी रूप भक्तों को देखने को मिलता है, आज वही विशेष दिन है जब श्री राधा-कृष्ण 100 करोड़ रुपये के गहने पहनते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं, श्री कृष्ण और राधा रानी के मुकुट में लगा पन्ने, माणिक, असली मोती और उनकी पोशाक भक्तों को अपनी और खींचती है, आज सुबह पूजा अर्चना के बाद गोपाल मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। इस बार मंदिर पर एक दिन पहले से ही सजावट और लाइटिंग की गई है।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बैक लॉकर से निकाले गए बेशकीमती गहने
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जिन बेशकीमती गहनों से भगवान का श्रंगार किया जाता है उन्हें आज थ्री लेयर सुरक्षा के साथ बैंक के लॉकर से नगर निगम के अधिकारियों ने निकाला, मंदिर में पहुंचकर इसके लिए गठित कमेटी के सदस्यों ने लिस्ट से गहनों का मिलान किया और फिर उनकी सफाई के बाद उन गहनों से भगवान श्री राधा कृष्ण का श्रंगार किया गया, पूजा अर्चना के बाद चांदी के बर्तनों में भगवान को भोग लगाया गया, इव विशेष अवसर पर महापौर शोभा सिकरवार, सभापति मनोज तोमर , नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह सहित अन्य अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
मंदिर के आसपास सीसीटीवी से निगरानी, पुलिस बल तैनात
गहनों की कीमत और इनके महत्व को देखते हुए गोपाल मंदिर के आसपास सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है, मदिर के आसपास भरी पुलिस बल भी तैनात किया गया है, मंदिर और मंदिर परिसर की आकर्षक सजावट भी की गई है , आज रात को आरती के बाद इन गहनों को फिर जमा करा दिया जायेगा।
सिंधिया रियासत के तत्कालीन राजा ने भेंट किये थे अमूल्य गहने
आपको बता दें कि ये अमूल्य गहने सिंधिया रियासत के तत्कालीन महाराज ने 1921 में गोपाल मंदिर की स्थापना के समय भेंट किये थे, कई दशकों तक ये गहने बैंक के लॉकर में ताले में बंद रहे, नगर निगम इसकी लड़ाई लड़ता रहा फिर 2007 में बैंक लॉकर को खोला गया और इन गहनों की कीमत का आंकलन कर भगवान श्री राधा कृष्ण का श्रंगार किया गया तब से ये परंपरा निरंतर जारी है
मनोहारी है भगवान श्री राधा-कृष्ण का श्रंगार
राधाकृष्ण के श्रृंगार में सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार (लगभग ढाई लाख कीमत का), सात लड़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने शामिल हैं। सन् 2007 में इसकी अनुमानित कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपये आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट श्री कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 20 लाख रुपये है। गोपाल मंदिर की राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग 80 से 90 लाख के बीच आंकी गई है तथा इसमें लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 6,46,000/- आंकी गई। श्री राधाकृष्ण के नखशिख श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े पांच लाख रुपये के जेवर उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। इन सभी गहनों की कीमत 2007 में करीब 20 करोड़ आंकी गई थी उस हिसाब से अब ये कीमत 5 गुना होकर 100 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है।
चांदी के बर्तनों में लगाया गया भगवान का भोग
भगवान के भोग के लिये प्राचीन बर्तनों का प्रयोग किया जाता है। लगभग 25 लाख रुपये कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों की सफाई के बाद उनसे भगवान की भोग आराधना की गई। इन बर्तनों में भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि शामिल है। भगवान के मनोहारी दर्शनों और इन बेशकीमती गहनों और बर्तनों के देखने के लिए गोपाल मंदिर पर भरी भीड़ उमड़ रही है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट