Janmashtami 2023 : जन्माष्टमी पर्व इस साल अंग्रेजी तारीख के हिसाब से दो दिन मनाया जा रहा है, जो श्रद्धालु मुहूर्त और तिथि का विशेष ध्यान रखते हैं वे आज यानि 6 सितंबर को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे हैं और जो श्रद्धालु उदया तिथि को महत्व देते हैं वे कल 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे, ग्वालियर में भी दो दिन जन्माष्टमी उत्सव मनाया जा रहा है, यहाँ नगर निगम द्वारा गोपाल मंदिर पर आयोजित किये जाने वाला जन्माष्टमी उत्सव बहुत मनोहारी होता है इसकी तैयारियां अंतिम चरणों में हैं, मंदिर में बिराजे श्री राधा-कृष्ण सिंधिया रियासत के समय के बेशकीमती गहने पहनते हैं जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है।
नगर निगम ग्वालियर द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर 7 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर निगमायुक्त हर्ष सिंह द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने आज तैयारियों की समीक्षा भी की।
करोड़ों रुपये कीमत के गहने पहनेंगे श्री राधा-कृष्ण
गौरतलब है कि जन्माष्टमी महोत्सव में प्राचीन करीब 103 साल पुराने गोपाल मंदिर में बिराजे श्री राधा-कृष्ण को प्राचीन आभूषणों से सुसज्जित किया जाता है। पन्ना, माणिक, मोती जड़े ये बेशकीमती गहने तथा भगवान के सोने-चांदी के बर्तन व सजावट का सम्पूर्ण सामान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बैंक लॉकर से लाकर भगवान का श्रृंगार किया जाता है।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बैक लॉकर से निकाले जायेंगे बेशकीमती गहने
निगम कमिश्नर के मुताबिक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पुलिस बल के साथ बैंक लॉकर से कल सुबह भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाये जायेंगे तथा इनकी सफाई इत्यादि कर भगवान का श्रृंगार किया जायेगा। दोपहर 12 बजे से भगवान के दर्शन आम नागरिकों के लिये खोले जायेंगे। रात्रि में 12 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ जिला कोषालय में जमा कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण मंदिर में पुलिस बल तथा सीसीटीवी कैमरे लगाकर पल-पल की वीडियोग्राफी की जाएगी। कान्हा के जन्मोत्सव के अवसर पर गोपाल मंदिर पर विशेष साज-सज्जा व आर्कषक विद्युत व्यवस्था की गई है।
अपर आयुक्त ने किया व्यवस्थाओं का निरीक्षण
गोपाल मंदिर पर जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर अपर आयुक्त विजय राज ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को सभी तैयारियों चॉक चौबंद रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पार्क अधीक्षक मुकेश बंसल बंसल, नोडल अधिकारी विद्युत रामबाबू दिनकर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मनोहारी होगा भगवान श्री राधा-कृष्ण का श्रंगार
राधाकृष्ण के श्रृंगार में सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार (लगभग ढाई लाख कीमत का), सात लड़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे। सन् 2007 में इसकी अनुमानित कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपये आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट श्री कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 20 लाख रुपये है। गोपाल मंदिर की राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग 80 से 90 लाख के बीच आंकी गई है तथा इसमें लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 6,46,000/- आंकी गई। श्री राधाकृष्ण के नखशिख श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े पांच लाख रुपये के जेवर उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। इन सभी गहनों की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है ।
चांदी के बर्तनों में लगेगा भगवान का भोग
भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जावेगा। लगभग 25 लाख रुपये कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान की भोग आराधना होगी। जिनमें भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियों का भी कल प्रदर्शन किया जायेगा।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट