ट्रेन के AC कोच में चोरी, करीब 7 लाख के गहने गायब, शादी से लौट रहा था परिवार

Atul Saxena
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Train ke AC Coach se Jwellery ki Chori : ट्रेन के AC कोच में सफ़र करना भी अब सुरक्षित नहीं हैं, यहाँ भी चोर वारदात को आसानी से अंजाम देकर गायब हो जाते हैं। खास बात ये है कि ये तब होता है जब ट्रेन में RPF राउंड पर रहती है और हर कोच और पैसेंजर पर उसकी निगाह रहती है। ताजा मामला 7 लाख के गहनों की चोरी का है।

गीता जयंती एक्सप्रेस की घटना 

उत्तर प्रदेश के नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) निवासी अवधेश मिश्रा, पत्नी नेहा और अन्य रिश्तेदारों के साथ पत्नी के मायके खजुराहो में शादी समारोह में आये थे। शादी संपन्न होने के बाद बीती रात वे ट्रेन में सफ़र कर रहे थे, उनका खजुराहो से दिल्ली तक का टिकट 11841 गीता जयंती एक्सप्रेस में था, परिवार 2 AC  कोच में सफ़र कर रहा था।

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पर्स में रखे 7 लाख के जेवर चोरी 

देर रात जब नेहा की नींद खुली तो उनका पर्स उनके पास से गायब था, उन्होंने परिजनों को उठाया और जब इधर उधर देखा तो पर्स ट्रेन के टॉयलेट के पास पड़ा मिला लेकिन उसमें से जेवर गायब थे। उन्होंने तत्काल ट्रेन के स्टाफ को सूचना दी , ट्रेन में मौजूद RPF ने मौका मुआयना किया लेकिन कुछ पता नहीं लगा, पर्स में कीमती हार सहित करीब 7 लाख के जेवर थे।

1 बजे से 2:30 के बीच झाँसी ग्वालियर स्टेशन के बीच हुई वारदात 

वारदात का समय करीब 1 बजे से 2:30 के बीच झाँसी ग्वालियर स्टेशन के बीच का बताया जा रहा है। AC कोच में चोरी की घटना के बाद पैसेंजर जाग गए, उन्होंने इसका विरोध किया। खास बात ये है कि जिस 2AC कोच में चोरी की ये वारदात हुई उससे लगी हुई ट्रेन की पेंट्री कार है। RPF ने पेंट्री कार के स्टाफ को रात में हो बुलाकर पूछताछ की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, उसके बाद जब ट्रेन ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो मिश्रा परिवार ने ग्वालियर GRP थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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