JU का कारनामा: 23 लोगों को नियम विरुद्ध दी PhD, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

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ग्वालियर। पिछले कुछ वर्षों में क्वालिटी एजुकेशन की जगह अपनी कारगुजारियों की वजह से जीवाजी विश्वविद्यालय चर्चा में रहा है। इस बार मामला नियम विरुद्ध पीएचडी कराये जाने से जुड़ा है। हाईकोर्ट द्वारा गठित न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जेयू ने नियमों को ताक पर रखते हुए 23 लोगों को पीएचडी की डिग्रियां बांटी हैं। 

जीवाजी विश्वविद्यालय में पीएचडी में गड़बड़ियों को लेकर ललित कुमार खरे की जनहित याचिका पर एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। जिसमें इस मामले की जांच का जिम्मा सेवानिवृत न्यायाधीश डीके पालीवाल को सौंपा गया था। न्यायिक आयोग ने मामले की जांच कर न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ को बीती 2 जुलाई को अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में प्रस्तुत कर दी। न्यायालय ने इस रिपोर्ट को सभी पक्षकारों को सौंपे जाने के आदेश दिए थे।


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