ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के हॉस्टल्स में ख़राब खाने को लेकर चल रहा विवाद थम नहीं रहा है। मृगनयनी गर्ल्स हॉस्टल के बाद अब आर्यभट्ट हॉस्टल के छात्रों ने ख़राब खाने की शिकायत की है। हॉस्टल में रहने वाले करीब 40 बच्चों ने सोमवार को खाने का बहिष्कार कर दिया।
खाने का बहिष्कार करने वाले छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय कोऑपरेटिव संस्था अथवा नए टेंडर ना कराकर पुराने ठेकेदार से ही उनका खाना बनवा रहा है। जो लगातार घटिया क्वालिटी का खाना दिये जा रहा है कई बार शिकायत करने के बावजूद बुंदेला कैटरर्स के भोजन में सुधार नहीं हुआ है। छात्रों का आरोप लगाये कि कुलपति संगीता शुक्ला बुंदेला कैटरर्स को ही कंटिन्यू करना चाहती हैं जबकि छात्र कोऑपरेटिव मैस में खाना बनवाना चाहते हैं छात्रों का यह भी आरोप है कि कोऑपरेटिव मैस पूर्व में चलती थी तब उन्हें सिर्फ 1800 रुपए प्रतिमाह भुगतान करना होता था लेकिन अब ढाई हजार रुपए देने के बावजूद उन्हें घटिया खाना खिलाया जा रहा है । उधर छात्रों के हंगामे की खबर के बाद वार्डन केशव सिंह गुर्जर हॉस्टल पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। वार्डन का कहना है कि अभी नए टेंडर नहीं होने के कारण पुराने ठेकेदार यानी बुंदेला कैटरर्स से ही खाना बनवाया जा रहा है तीन-चार दिन पहले उन्होंने छात्रों के साथ भोजन किया था तब खाने में कोई शिकायत नहीं थी। वार्डन का यह भी कहना है कि जो छात्र फीस नहीं दे रहे हैं और फ्री में भोजन करना चाहते हैं वही कुछ छात्र इस तरह की गतिविधियों में लिप्त है । बाकी छात्रों को कोई परेशानी नहीं है।