Lok Sabha Election 2024 : टिकट में हुई देरी पर प्रवीण पाठक बोले- सब्र का फल मीठा होता है, नीटू सिकरवार ने कहा- जब जनता चुनाव लड़ती है तो देरी मायने नहीं रखती

प्रचार में भाजपा से एक महीने पिछड़ने के सवाल पर नीटू सिकरवार ने कहा कि कोई लेट नहीं हुए, जितनी उत्सुकता मेरे परिवार को थी उससे कहीं ज्यादा क्षेत्र की जनता को थी शुभ चिंतकों को थी, ये चुनाव जनता लड़ रही है और जब जनता चुनाव लड़ती है तो कुछ लेट नहीं होता, कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के सवाल पर नीटू सिकरवार ने कहा कि लोग प्रलोभन के साथ पार्टी बदल रहे हैं लेकिन जनता तो नहीं बदली, मुझे जनता पर पूरा भरोसा है जीत हमारी ही होगी । 

Atul Saxena
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Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024 : लंबे इन्तजार के बाद आखिरकार आज कांग्रेस ने ग्वालियर और मुरैना सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी, पार्टी ने ग्वालियर जिले के पूर्व विधायक और प्रखर वक्ता प्रवीण पाठक को मैदान में उतारा है तो मुरैना सीट से राजनैतिक परिवार से आने वाले पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को टिकट दिया है, टिकट की घोषणा होने के बाद दोनों नेताओं के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है।

ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से पूर्व विधायक हैं प्रवीण पाठक 

2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक रहे नारायण सिंह कुशवाह को हराने वाले प्रवीण पाठक 2023 का  पिछला विधानसभा नारायण सिंह से ही चुनाव हार गए लेकिन उनका हौसला नहीं हारा, पार्टी में उनका कद कम नहीं हुआ बल्कि हाल ही में पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उड़ीसा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी लेकिन आज पार्टी ने लंबे मंथन के बाद उन पर भरोसा करते हुए ग्वालियर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

टिकट में देरी पर प्रवीण पाठक बोले- सब्र का फल मीठा होता है 

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब प्रवीण पाठक से टिकट में हुई देरी और चुनाव प्रचार में पिछड़ने का सवाल किया तो उन्होंने पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि सब्र का फल मीठा होता है, ये पुरानी कहावत है, ये सत्य साबित भी होगी, मुद्दों के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय गुजरने दीजिये मुद्दे भी सामने आ जायेंगे, मुद्दों की कोई कमी नहीं है।

ये चुनाव ग्वालियर के भविष्य का है : प्रवीण 

प्रवीण पाठक ने कहा कि ये चुनाव एक प्रवीण पाठक का नहीं हैं एक पार्टी विशेष का नहीं है ये चुनाव ग्वालियर के भविष्य का है, पिछले 25-30 वर्षों में ग्वालियर जिस तरह से पिछड़ा है सब जानते हैं, जनता जानती है कि कौन उनकी आवाज को लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में स्पष्टता और मजबूती से उठा सकता है।

हमने सत्य का रास्ता चुना, कौन किस नैतिक मूल्यों पर राजनीति करता है ये उसका विषय 

कांग्रेस नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने और भाजपा ज्वाइन करने के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि कौन किस नैतिक मूल्यों पर राजनीति करता है , कौन किस नैतिक मूल्य पर जीवन व्यतीत करता है ये उनका विषय है, हमने जीवन में  सत्य का रास्ता चुना है और मरते दम तक इस सत्य के रास्ते पर रहेंगे।

राजनीतिक परिवार से आने वाले नीटू, पूर्व विधायक और पूर्व जिला पंचायक अध्यक्ष हैं 

मुरैना लोकसभा सीट से पार्टी ने नीटू सिकरवार यानि सत्यपाल सिंह सिकरवार को टिकट दिया है, नीटू का पूरा परिवार राजनीति में हैं, पिता गजराज सिंह सिकरवार मुरैना की सुमावली विधानसभा से विधायक रहे, 2013 में नीटू ने वहां से चुनाव लड़ा और विधायक बने, नीटू मुरैना जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे,उनके बड़े भाई सतीश सिंह सिकरवार ग्वालियर पूर्व विधानसभा से विधायक हैं , भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर महापौर हैं।

युवाओं पर भरोसा करने के लिए पार्टी को दिया धन्यवाद 

नीटू सिकरवार ने लंबे समय के बाद हुई घोषणा के सवाल पर कहा कि पार्टी ने युवाओं पर भरोसा किया है इसके लिए शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद, पार्टी पूरी ताकत पर विचार कर रही थी कि कौन जीत सकता है, इसलिए देर आये दुरुस्त आये, उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को भरोसा  दिलाया कि कांग्रेस मुरैना के साथ साथ ग्वालियर और भिंड सीट भी कांग्रेस जीतेगी।

जब जनता चुनाव लड़ती है तो देरी मायने नहीं रखती :नीटू 

नीटू सिकरवार ने कहा कि  मेरा फोकस चंबल में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर अधिक रहेगा, प्रचार में भाजपा से एक महीने पिछड़ने के सवाल पर नीटू सिकरवार ने कहा कि कोई लेट नहीं हुए, जितनी उत्सुकता मेरे परिवार को थी उससे कहीं ज्यादा क्षेत्र की जनता को थी शुभ चिंतकों को थी, ये चुनाव जनता लड़ रही है और जब जनता चुनाव लड़ती है तो कुछ लेट नहीं होता, कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के सवाल पर नीटू सिकरवार ने कहा कि लोग प्रलोभन के साथ पार्टी बदल रहे हैं लेकिन जनता तो नहीं बदली, मुझे जनता पर पूरा भरोसा है जीत हमारी ही होगी ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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