Lokayukta Action : मुरैना में रिश्वत लेते पटवारी रंगे हाथ गिरफ्तार, कृषि भूमि का नामांतरण करने के बदले ली थी घूस

फरियादी रघुवीर सिंह ने जैसे ही रिश्वत की राशि 10 हजार रुपये पटवारी  सुजान सिंह को दी पास ही में पहले से तैयार लोकायुक्त ग्वालियर पुलिस की टीम ने उसे घेर लिया और रंगे हाथ पकड़ लिया, टीम ने जब पटवारी के हाथ धुलवाए तो पानी गुलाबी हो गया।

Lokayukta Action

Lokayukta Action : सरकार के सख्त एक्शन के बाद भी सरकारी अधिकारियों – कर्मचारियों का रिश्वत लेना बंद नहीं हो रहा है, आज एक बार फिर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वतखोर शासकीय सेवक को रंगे हाथ पकड़ा है, रिश्वत लेने वाला एक पटवारी है जो कृषि भमि का नामांतरण करने के बदले रिश्वत ले रहा था।

कृषि भूमि का नामांतरण करने के बदले मांगी रिश्वत 

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस एसपी रामेश्वर यादव से मिली जानकारी के मुताबिक मुरैना जिले के जौरा तहसील के गाँव सेयारू में रहने वाले  रघुवीर सिंह ने एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें हल्का पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का जिक्र था। आवेदक ने बताया कि हल्का नंबर 33 सेयारू का पटवारी सुजान सिंह ग्राम सेयारु में स्थित हमारी कृषि भूमि के फोत्ती नामांतरण एवं इंद्राज दुरुस्ती करवाने के एवज में 20,000 रुपये रिश्वत की मांग रहा है। शिकायती आवेदन के बाद उसका सत्यापन कराया गया और ट्रेप की प्लानिंग की गई।

किराना स्टोर पर 10,000 रुपये की पहली क़िस्त लेकर बुलाया  

फोन पर बातचीत में पटवारी सुजान सिंह ने फरियादी रघुवीर सिंह को रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये  लेकर आज बुलाया, लोकायुक्त की टीम ने पावडर लगाकर उसे 10 हजार रुपये दिए, तय समय पर रघुवीर पटवारी द्वारा बताये स्थान शिखा किराना स्टोर पर पहुंच गया।

जैसे ही पटवारी ने रिश्वत ली लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ लिया 

फरियादी रघुवीर सिंह ने जैसे ही रिश्वत की राशि 10 हजार रुपये पटवारी  सुजान सिंह को दी पास ही में पहले से तैयार लोकायुक्त ग्वालियर पुलिस की टीम ने उसे घेर लिया और रंगे हाथ पकड़ लिया, टीम ने जब पटवारी के हाथ धुलवाए तो पानी गुलाबी हो गया। आरोपी को ग्वालियर लोकायुक्त की टीम जौरा थाने लेकर पहुंची और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार  निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News